28 अगस्त 2012

क्रिकेट के झगडे में छात्र को चाकू से गोदा


सहरसा,: क्रिकेट में आऊट होने पर दोस्तों ने अपने ही दोस्त की चाकू मारकर उसे जिन्दगी के पिच से ही आऊट कर दिया..क्रिकेट में आऊट होने से इंकार करने पर इंटर के छात्र विकाश को आठवी कक्षा के चन्दन ने अपने तीन अन्य साथियों के साथ मिलकर उसे चाकू मारकर हत्या कर दी ..मृतक सहरसा जिले के सोनवरसा राज थाना क्षेत्र के ;लगमा गावं का रहने वाला था और सहरसा के एक लॉज में रहकर राजेंद्र मिश्र कॉलेज में इंटर का पढ़ाई कर रहा था  ..वारदात में शामिल इन चारों मासूम हत्यारे को पुलीस ने ना केवल दबोच लिया बल्कि वारदात में इस्तेमाल किया गया चाकू भी बरामद कर लिया है ...इस हत्या की वारदात ने जहाँ पुरे इलाके में सनसनी फैला दी है वही यह भी सोचने को मजबूर कर दिया है की क्या पुलीस और कानून का खौफ अब बिलकुल ख़त्म हो गया है की बालमन भी जघन्य वारदात को अंजाम देने से बाज नहीं आ रहा है ये चारों महज आठवी से दसवी के छात्र है सोमवार की शाम इन्ही चारों ने मिलकर विकाश को मौत के घाट उतारा था ..घटना के बारे में चाकू मारनेवाला चन्दन बताता है की क्रिकेट के खेल में वह आऊट था उसके बावजूद भी वो इंकार कर रहा था इसी बात को लेकर वह विकाश को चाकू मार दिया ..उसे नहीं पता था की वह मर जायेगा चन्दन के साथ उसके तीन अन्य दोस्त प्रशांत ,प्रणव,और विशाल ये सभी घटना में शामिल थे सहरसा के सदर थाने में धारा 320/120B/341/323/504/34 ipc  के  तहत मामला दर्ज कर लिया गया है एस.पी.अजित कुमार सत्यार्थी का कहना है की क्रिकेट को लेकर २६ तारीख की शाम में प्रशांत और चन्दन का विकाश से कुछ विवाद हुआ था इसी को लेकर बदले की भावना से चन्दन ने अपने तीन साथियों के साथ क्रिकेट के मैदान में ही 27 तारीख के शाम इन लोगों ने विकाश की चाकू मारकर हत्या कर दी ..चारों लड़के गिरफ्तार किये गए है ..चाकू भी बरामद कर ली गयी है ..सभी के विरुद्ध हमलोग आरोप पत्र समर्पित करेंगे और स्पीडी ट्राइल चला कर सजा दिलवाएंगे

तीन बहन और दो भाइयों में विकाश सबसे छोटा था ..पढ़ाई और क्रिकेट से उसका लगाव था ..एन.सी.सी.में उसे  बी सर्टिफिकेट मिला था .. वह आर्मी में जाना चाहता था ..घर के ऐसे चिराग के बुझ  जाने से घर वालों का हाल बुरा है ..मृतक विकाश के छोटे बहनोई का कहना है की विकाश को क्रिकेट से काफी लगाव था ..26 तारीख को वह शाम में क्रिकेट खेल रहा था ..बैटिंग स्ट्रेक पर विकाश था विकेट कीपर ने आऊट का ऐलान किया .वो बोला मै आऊट नहीं हूँ यह गलत है ..इसपर बगल में खरे प्रणव ने कहा वह आऊट हो गया जबकि प्रणव मैदान में खेल नहीं रहा था ..उस पर विकाश ने विरोध किया तो देख लेने की बात बोली  गयी..27 तारीख को जब क्रिकेट खेलने विकाश गया तो उसी समय प्रणव ,चन्दन,विशाल,और प्रशांत चारों ने उसे चाकू मार दी

खेल खेल में हत्या, एक बार तो यह बात गले से निचे नहीं उतरती है ,लेकिन ऐसा हुआ है  जिस हाथ में कलम और किताब होनी चाहिए उस नन्हे हाथ में आखिर हथियार किस तरह से आ जाते है ..जो मासूम नोनिहाल,कल देश के भविष्य है वे मामूली से विवाद में गुनाहगार कैसे बन जाते है ..क्या पुलीस और कानून का खौफ और भय धीरे -धीरे ख़त्म हो चूका है ..क्या जेहन में पलने वाला आसमानी सपना दम तोड़ चूका है ..बड़ा गंभीर वक़्त है सामाजिक  चिंतकों को आगे बढ़कर बहस और विमर्स करना चाहिए  एक दुसरे की गलतियों को ढूंडने में कही देर न हो जाये

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