सहरसा :-जमीनी विवाद में चाचा ने अपनी तीन भतीजी, अपने भाई और बहु को मारपीट कर जख्मी कर दिया ......शिकायत लेकर जख्मी होकर थाने पहुंची बच्चियों को पुलिस ने सदर अस्पताल भेज दिया ....वहां पहुंची पुलिस ने फर्द बयान भी लिया लेकीन मामला दर्ज करने और कारवाई करने में अगले दिन तक आनाकानी करती रही ......इधर मारपीट में जख्मी पूरा परिवार शहर के वीर कुंवर सिंह चौक से लेकर सदर थाने तह दहाड़ लगता रहा ......लड़कियों ने बताया की उसके चाचा और उसके चचेरे भाई ने उनलोगों की जमकर पिटाई कर दी......थाने में शिकायत करने के बाद भी पुलिस ने कोई कारवाई नहीं की ...लोगों की सहानुभूति से वे सभी थाने कि और चले लेकिन सौ गज कि दुरी पर स्थित थाने कि दुरी तय करने में मिशा सिन्हा लगातार बेहोश होती रही ....थाने पहुँचने प़र भी मिशा बार बार बेहोश होती रही ....लेकीन कोई भी पुलिसकर्मी पानी तक देने नहीं आया .....लड़कियां चाचा और चचेरे भाइयों से बचने की गुहार लगती रही और वहां मौजूद पुलिस वाले अपना काम निपटाते रहे .....पीडीत लड़कियों ने बताया की उनकी बड़ी बहन की शादी इसी साल नवम्बर में होनी है ....मारपीट करने आये लोगों ने उसकी अंगुली से इंगेजमेंट की अंगूठी भी निकाल ली ....इसके अलावे शादी के लिए रखे पांच लाख रुपैये और सारे जेवरात भी लेकर चले गए तीन बहनों में एक पटना में पढाई करती है ...उसकी पढाई भी छूटने का डर उनके चेहरे प़र बना हुआ था ......... सदर पुलिस इनके दुबारा थाने पहुँचने तक भी प्राथमिकी दर्ज नहीं की ......लेकीन विपक्षी का आवेदन सुबह ही ले लिया गया था ......रात में ही फर्द बयान लेकर मामला दर्ज नहीं किया जाना पुलिस की कार्य शैली प़र सवाल खड़ा करता है .....पुलिस इंस्पेक्टर सह थानाध्यक्ष ने बताया की पारिवारिक विवाद है...आवेदन लिया जा रहा है ....दर्ज कर कारवाई की जायेगी .....
कहते हैं बिहार में सुशासन की सरकार है .....सरकार और उसके उच्चाधिकारियों का यह बयान आता रहता है की थाने पहुँचने प़र पीड़ित को पहले ठंढा पानी पिलाया जाए ......लेकीन सहरसा सदर थाने की यह तस्वीर पेश कर रही है की यहाँ बेहोश हो जाने के बाद भी आवेदक को पानी का दर्शन तक नहीं कराया जाता है .....ऐसे में विधि व्यवस्था की बात समझी ही जा सकती है ....
कहते हैं बिहार में सुशासन की सरकार है .....सरकार और उसके उच्चाधिकारियों का यह बयान आता रहता है की थाने पहुँचने प़र पीड़ित को पहले ठंढा पानी पिलाया जाए ......लेकीन सहरसा सदर थाने की यह तस्वीर पेश कर रही है की यहाँ बेहोश हो जाने के बाद भी आवेदक को पानी का दर्शन तक नहीं कराया जाता है .....ऐसे में विधि व्यवस्था की बात समझी ही जा सकती है ....
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