6 सितंबर 2012

शिक्षक दिवस के अवसर को अपमान दिवस

मधेपुरा:- जब तक शिक्षक के हलक में सरकार द्वारा वेतन विसंगति तथा असमानता रूपी अपमान की घुटी पिलाई जाती रहेगी तब तक सूबे में शिक्षा का विकास नहीं होगा। उक्त बातें बुधवार को मधेपुरा में शिक्षक दिवस के अवसर को अपमान दिवस के रूप में मनाते हुए माध्यमिक शिक्षक संघ के अनुमंडलीय सचिव डा. अरूण कुमार यादव ने उच्च तथा उच्च माध्यमिक शिक्षकों को संबोधित करते हुए कही। डा. यादव ने कहा कि शिक्षक जब तक मानसिक, आर्थिक तथा शारीरिक रूप से स्वस्थ नहीं होंगे तब तक वे बच्चों को सही ज्ञान नहीं बांट सकते हैं। विद्यालय में जहां शिक्षकों को नियत वेतन के रूप में पचास हजार रूपये से अधिक वेतन उठाने वाले शिक्षकों के पास हीन भावना से काम करना पड़ता है वहीं उच्च शिक्षा प्राप्त कर नियोजित शिक्षक के रूप में केवल आठ हजार छह सौ रूपया मानदेय के रूप में उठाने वाले शिक्षकों का समाज में कोई जगह नहीं है। इस मंहगाई की दौड़ में यह राशि इतनी कम पड़ रही है कि इससे हम अपने परिवार का भरण-पोषण भी नहीं कर सकते है। इसके अलावे दिये जाने वाले मानदेय मिलने में भी छह माह तक लग जाते हैं। आर्थिक तंगी से जुझ रहे शिक्षक भला कैसे शिक्षा को विकास के मुकाम तक पहुंचा सकते हैं। बैठक में शिक्षक प्रभाषचन्द, कुमार रणविजय, प्रभात रंजन, दिनेश कुमार, त्रिपेन्द्र नारायण सिंह, अनिल कुमार, त्रिभुवन प्रसाद यादव, शशिनद्र मोहन सिंह, अशोक कुमार अमर, संजय कुमार आदि मौजूद थे।

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