10 सितंबर 2012

मिथिला राज्य की मांग को ले संघर्ष समिति ने दिया धरना


सहरसा:- सोमवार को अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति ने प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय के समक्ष धरना दिया। धरनार्थियों ने मिथिलांचल के लोगों को आर्थिक, राजनैतिक, शैक्षणिक व व्यापारिक स्वतंत्रता के लिए मिथिला राज की मांग को दोहराया।

पूर्व विधायक संजीव कुमार झा की अध्यक्षता में संपन्न धरना को संबोधित करते हुए संघर्ष समिति के महासचिव डा. बैजनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि वर्तमान मिथिला भू-भाग राजनीतिक एवं प्रशासनिक दृष्टि से अत्यन्त उपेक्षित है। आज मिथिला में एक भी चीनी, सूत, जूट, चमड़ा आदि के कल- कारखाने नहीं है। पूर्व से जो भी मीलें चल रही थी। उसे भी बंद कर दिया गया, जिससे लोगों की समस्याएं बढ़ती जा रही है। अध्यक्षता करते हुए पूर्व विधायक श्री झा ने कहा कि सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक, आर्थिक व सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध होते हुए भी सत्ता शासन की नजर इस इलाके पर इनायत नहीं हो पायी। ऐसे में मिथिला राज्य के मांग की प्रासंगिकता काफी बढ़ गई है। सीएम कालेज दरभंगा के प्राध्यापक डा. नारायण झा ने कहा कि आज मैथिली भाषा से गैर मैथिलीभाषी लाभांवित होकर यूपीएससी एवं बीपीएससी की परीक्षाओं में सफलता हासिल कर रहे हैं।

धरनार्थियों को बुचरु पासवान, जयराम झा, सुरेन्द्र नाथ झा गोपाल, बेबी झा, जिला परिषद सदस्य चन्देश्वरी शर्मा, भारतीय किसान मोर्चा के चन्देश्वरी शर्मा, वार्ड सदस्य मिथिलेश झा, प्रो. विनोद, प्रो. रमेश झा, प्रो. विमलकांत झा, प्रो. दिवाकर ठाकुर, सत्यप्रकाश, टीपू झा, बौआ झा, सुमीत सिंह, सरोज सिंह, रोशन सिन्हा आदि ने संबोधित किया।

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