जिले के मधेपुरा थाना के मठाही की करीब 16 वर्षीया अलका (काल्पनिक नाम) अपने चचेरे जीजा अजीत को जानती तो पिछले सात-आठ साल से थी, पर हाल की नजदीकियां ने इन्हें घर से भाग जाने का फैसला दिला दिया.घैलाढ़ थाना के पिपराही के अजीत के साथ अलका पिछले 02 सितम्बर को ही घर से भाग गयी.दिल्ली में भाड़े के मकान में एक सप्ताह गुजार कर जब दोनों वापस आये तो पुलिस ने इन दोनों को सुपौल के करजाईन बाजार से गिरफ्तार कर लिया.अलका के पिता रामानंद यादव के द्वारा किये गए मुक़दमे के आधार पर शादी की नीयत से फुसला कर लड़की को भगा लेने के आरोपी तीन बच्चे के बाप को जेल तो भेज दिया पर अलका ने न्यायालय के समक्ष जो बयान दिया उससे लगता है कि इस नाबालिग लड़की को ये एहसास हो गया है कि वो ठगी चली गयी है.
अलका ने यह तो स्वीकार किया कि वे स्वेच्छा से घर से भागे थे और पिछले पांच सितम्बर को उन्होंने मंदिर में गवाहों की उपस्थिति में शादी भी रचा ली, पर साथ ही उसने यह भी कहा कि उसे मालूम है कि उसने गलत काम किया है और अब वह न कहीं नहीं जाना चाहती है.फिलहाल लड़की के न तो पूर्व से शादीशुदा प्रेमी के साथ जाने और न ही अपने माता पिता के घर जाने की इच्छा को देखते हुए उसे अल्पावास गृह में रखा गया है.
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