2 सितंबर 2012

सांपों का तांडव


नवहट्टा, सहरसाः श्राद्ध का भोज खाने गये लोगों को एक दर्जन से अधिक विषैले सांपों के तांडव का सामना करना पड़ा. खाना खाने के क्रम में ही 18 लोगों को सांप ने डस लिया, जिसमें से एक की मौत हो गयी, जबकि सर्पदंश के अन्य पीड़ितों को पौराणिक पद्धति से प्राथमिक चिकित्सा कर बचा लिया गया है.ग्रामीणों ने सांप की पहचान विषैले करैत के रूप में की. दर्जन भर सांपों में से दो को ग्रामीणों ने मार डाला, जबकि शेष अन्य पल भर में आंखों से ओझल हो गये. घटना प्रखंड के कासिमपुर पंचायत स्थित धर्मपरु के महादलित टोले की है. महेंद्र सादा के घर श्राद्ध का भोज आयोजित था. समाज के लोग आमंत्रित थे. लोग कतारबद्ध हो भोजन खाने बैठे, भोजन भी परोस दिया गया.तभी एक सांप लोगों के भोजन से गुजरता हुआ चला गया. इसी क्रम में एक बार करैत सांप भी आया. उपेंद्र सादा के पत्तल के पास पहुंचते ही उपेंद्र ने अपने हाथों से पकड़ सांप को नचाना शुरू किया, तभी करैत ने उपेंद्र के सिर में डस लिया, जिससे थोड़ी देर बाद उसकी मौत हो गयी.इसके बाद चारों तरफ से निकले दर्जनों सांपों ने लगभग 18 लोगों को डस लिया जिससे वे क्रमश: अचेत होते गये. ग्रामीणों ने सर्पदंश के सभी पीड़ितों को पड़ोस के गांव हेमपुर पहुंचाया, जहां रामचंद्र कुंवर ने पौराणिक पद्धति से प्राथमिक इलाज कर सबों को खतरे से बाहर लाया.इधर नौ बच्चों के पिता मृतक उपेंद्र सादा की मौत के बाद उसके घर सहित गांव में मातमी सन्नाटा छाया है. सर्पदंश से पीड़ित अन्य 18 में 2 बच्चे भी शामिल हैं.





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