20 सितंबर 2012

लगातार बढती मंहगाई के खिलाफ आज भारत बन्द

लगातार बढती मंहगाई के खिलाफ आज भारत बन्द के दौरान सहरसा में एतिहासिक बंदी का नजारा देखने को मिला.बन्द का व्यापक असर रहा जिसमें बाजार की सभी दुकानें जहां पूरी तरह से बन्द रही वहीँ बन्द के दौरान आन्दोलनकारियों ने कई ट्रेनों को भी रोका.कई ट्रेनें यत्र--तत्र विभिन्य स्टेशनों प़र यूँ ही लगी हुई रही ! जाहिर तौर प़र आज भारत बन्द के दौरान सहरसा में एतिहासिक बंदी का नजारा देखने को मिला.अहले सुबह से NDA समर्थक और वामपंथियों ने साझे तौर प़र मंहगाई के मुद्दे प़र आन्दोलन का विगुल फूंका.आन्दोलनकारियों ने जगह--जगह जाम लगाकर जहां सड़क मार्ग को बाधित किया वहीँ कई ट्रेनों को भी घंटों सहरसा स्टेशन और अन्य जगहों पर रोके रखा.इस बंदी में सड़क और रेल मार्ग दोनों प्रभावित रहे.शहर की तमाम दुकानें बंद रही.आन्दोलनकारी सुबह से ही पैदल और मोटरसाईकिल पर सवार हो घूम--घूमकर बंद को सफल बनाने में जुटे रहे.बन्द के दौरान मुख्य रूप से थाना चौक,शंकर चौक,महावीर चौक,गंगजला चौक,तिवारी चौक,कचहरी ढाला और पोलिटेकनिक ढाला को आन्दोलनकारियों ने जाम कर सड़क मार्ग को पूरी तरह से बाधित कर दिया.भाजपाईयों ने इस दौरान पुलिस और प्रशासन की गाड़ियों को भी सड़कों पर चलने नहीं दिया.कई गाड़ियों को तो एक तरह से इनलोगों ने अपने कब्जे में ले लिए थे.
मंहगाई से त्राहिमाम कर रही जनता का भी इस बन्द को पूरी तरह से नैतिक समर्थन था.यह बंदी दलगत भावनाओं से ऊपर आमलोगों के रोष और तकलीफ का खुल्लम--खुल्ला इजहार था.लेकिन बड़ा सवाल यह है की क्या इस बंदी से मंहगाई प़र लगाम लग सकेगा. क्या जिन चीजों की कीमत में जानलेवा उछाल आया है उसमें कमी की जायेगी.

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