मधेपुरा ये तस्वीर उदा किसुनगंज प्रखंड स्थित बुधामा गाँव की है। बिहार सरकार भले ही विकास के कितने ही दावे क्यों ना कर ले लेकिन उदा किसुनगंज प्रखंड स्थित बुधामा गाँव के सड़को को देख कर सरकार के सारे दावे फीके लगने लगते है। सच्चाई तो ये है कि बुधामा गाँव की ये सड़क वर्षो से विकास को तरस रही है। ऐसे और भी कई गाँव है जहा आज भी पक्की सड़क नहीं बनी। कितनी सरकारे गई कितनी सरकारे आई पर किसी की नजर बुधामा गाँव के इस जर्जर सड़क पर नहीं पड़ी। सरकार के उमीदवार चुनाव के वक़्त तो बड़े - बड़े दावे करते है और चुनाव खत्म होते ही उन्हें कुछ याद नही रहता। सड़क की जर्जर स्तिथि होने की वजह से गाँव के लोगों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आज तक सरकार सिर्फ बाहरी दिखावा करती रही है जिस कारण देश की रीड की हड्डी कहे जाने वाले गाँव की स्तिथि आज भी वही है। आज भी बुधामा गाँव की सड़के विकास के गीत गुनगुनाने को उत्सुक है। देखते है कब तक सरकार की नजर बुधामा गाँव की इस जर्जर सड़क पर पड़ती है।
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