8 नवंबर 2012

गुम हो रहे है कुम्हार के दीये




समय का पहिया आधुनिकता के रंग में रंगकर इतनी तेजी से घूम रहा है, की इसमें कुम्हारों के घूमते चाक किसी भी पल दम तोड़ जायेंगे ! आज कुम्हारों के द्वारा निर्मित मिट्टी के बर्तन और अन्य सामानों की मांग ना केवल बिल्कुल कम हो गयी है, बल्कि वे कुछ पर्व त्योहारों में महज वक्ती जरुरत बनकर ही रह गए हैं ! एक समय था जब कुम्हार जाति के लोग खासकर के दीवाली आने का इन्तजार पूरा साल करते थे ! दीवाली में उनके द्वारा निर्मित छोटे-बड़े दीये,डिबिया और अन्य मिट्टी से निर्मित सामान लोगों की पहली जरुरत थी !पहले तो समृद्ध और समर्थ लोग दीवाली में घी के दीये जलाते थे ! बाद के दिनों में सरसों के तेल से लेकर किरासन तेल से दीये और डिबिए जलाए जाते रहे ! लेकिन अब इसका चलन भी खत्म होने के कगार पर है! जीवन की आपाधापी और अंधदौड़ में लोग अब दीये से किनारा करने लगे हैं ! बाजार में चारों तरफ बिजली के चीनी चकमक और झालर का जाल बिछा है ! दीवाली में दीये की जगह अब लोगों की जरुरत यही बिजली के चीनी चकमक और झालर हो गए हैं.जाहिर सी बात है की लोगों की इस नयी पसंद से कुम्हारों के पुश्तैनी कारोबार को गहरा धक्का लगा है ! दीवाली में लोगों के घर खुशियों के दीये जलाकर इन कुम्हारों के घर में भी धीमी लौ के ही सही लेकिन ख़ुशी के दीए जरुर जलते थे ! आज कुम्हार जाति के लोगों के सामने ना केवल उनके कारोबार को बन्द करने की समस्या खड़ी है बल्कि उनके परिवार कैसे चलेंगे यह  प्रश्न भी सामने खड़ा है !
सरकार ने इन कुम्हारों के लिए आजतक कुछ भी नहीं किया है ! बेबस,लाचार और मजबूर ये कुम्हार आज भी सपरिवार चाक घुमा रहे हैं लेकिन बेमन से की आखिर वे करें भी तो क्या 
सहरसा की कुल आबादी करीब सोलह लाख लाख है ! इसमें अगर कुम्हार जाति की बात करें तो इस जाति की आबादी पूरे जिले में करीब 35 हजार की है ! सबसे ज्यादा जिले के महिसरो और मुरली गाँव में इस जाति के लोगों की आबादी है ! सहरसा जिला के कहरा प्रखंड अंतर्गत सुलिन्दाबाद गाँव जहां कुम्हारों के करीब पचहत्तर परिवार रहते हैं ! यूँ तो हर मौसम में इन कुम्हारों के घर चाक घूमते रहते हैं और कोई ना कोई मिट्टी का बर्तन तैयार होता रहता है ! लेकिन दीवाली के समय इनके घर के चाक दिन और रात मिलाकर घंटों घूमते रहते हैं आमलोगों की तरह दीवाली का पर्व इनके लिए भी बड़ा ख़ास होता है ! इस पर्व में मिट्टी के दीये और डिबिए ये बहुतायत में बनाते हैं ! जाहिर सी बात है की कुछ वर्ष पहले तक इन मिट्टी के दीये और डिबिए की काफी मांग थी ! लोग दिवाली में दीये और डिबिए जलाकर अपने घर को रौशन करते थे ! 
लेकिन आज वक्त बदल चुका है लोगों की आँखें बिजली की चीनी चकमक और झालर से आज ना केवल चौंधिया गयी हैं बल्कि ये साजो सामान दीवाली में उनकी पहली जरुरत बन गयी है ! कुम्हारों के हाथों के बने इन दीये और डिबिए की बिक्री आज के दौर में काफी कम हो गयी है ! हालत यह है की जिन कुम्हारों को दीवाली के मौके पर पूरे साल भर के लिए अच्छी कमाई हो जाती थी वहाँ अब चूल्हे जल पाना मुश्किल हो गया है ! पुश्तैनी कारोबार है बाप-दादों से लेकर वर्तमान पीढ़ी इसी व्यवसाय से पेट पालते रहे हैं ! ऐसे में इनके रोजगार को काफी बड़ा धक्का लगा है पूछने पर बड़े दुखी मन से कहते हैं की क्या करें किसी तरह परिवार की गाड़ी खींच रही है ! सरकार ने भी आजतक उनलोगों के लिए कुछ नहीं किया 
अब जरा इस मासूम बच्चे को देखिये इसकी रगों में कुम्हार का खून दौर रहा है ! और यह बड़ी तेजी से चाक घुमा रहा है ! जिस मासूम के हाथों में कलम और किताब होनी चाहिए वह चाक घुमा रहा है ! उसकी किस्मत का पहिया ऐसा घुमा है की वह यह पहिया घुमाने को विवश 
है !  पूछने पर बताता है की गरीब है इसलिए पढ़ नहीं सकता ! घर का चूल्हा जलाने के लिए वह चाक चलाता है ! मासूमियत में दिए गए इसके जबाब व्यवस्था के मुंह पर करारा तमाचा है ! 
पूरा बाजार चीनी जुगनू से जगमग है ! बिजली के कारोबारी बड़े साफ़ लहजे में बता रहे हैं की अब मिट्टी से बने दीये के दिन लद गए अब दीवाली में लोग दीये जलाने की जगह चीन निर्मित झालर और चकमक को ज्यादा पसंद कर रहे हैं घी में जलने वाले दीये,अब कहानी भर के लिए रह गए हैं !

समय के पहिया ने कुम्हारों के चाक की रफ़्तार कम कर दी है ! कुम्हारों के पुश्तैनी कारोबार पर चीनी ब्रांड बिजली के चकमक ने ऐसा हमला किया है की उनका कारोबार अब बन्द होने के कगार पर है ! सरकार ने भी कभी मदद का मजबूत हाथ इनकी तरफ नहीं बढ़ाया ! आलम यह है की कुम्हार परिवार में आज दर्द, टीस और मज़बूरी में पल रहा है ! अगर जल्द इन कुम्हारों के लिए कोई पुख्ता और ठोस पहल नहीं किये गए तो हाथों की एक बड़ी कलाकारी हताशे और अभाव में दम तोड़ देगी ! 

17 अक्टूबर 2012

नितीश कुमार ने किया उग्र तारा महोत्सव का उद्घाटन

सहरसा :-  बिहार पर्यटन विभाग द्वारा पहली बार सहरसा के महिषी ग्राम स्थित माँ उग्रतारा धाम के महात्म को भांप कर आयोजित हो रहे दो दिवसीय उग्रतारा महोत्सव के पहले दिन आज सूबे के मुखिया नीतीश कुमार न केवल आये बल्कि दीप प्रज्जवलित कर महोत्सव का आगाज भी अपने शुभ हाथों से किया। नीतीश कुमार हेलिकॉप्टर से करीब सवा ग्यारह बजे महिषी ग्राम पहुंचे। हेलीपेड पर उनको पहले गॉड ऑफ ऑनर दिया गया। मुख्यमंत्री यहाँ से सड़क मार्ग से सब से पहले माँ उग्रतारा मंदिर पहुंचे जहां वैदिक विधि--विधान से पूजा और अर्चना की। मुख्यमंत्री यहाँ करीब पच्चीस मिनटों तक रहे।यहाँ से वे महोत्सव के आयोजन स्थल पर पहुंचे जहां महोत्सव का उद्दघाटन किया।दो दिवसीय इस महोत्सव में आज रात जहां सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा वहीँ कल मंडल धाम में इस क्षेत्र की विशिष्टता को लेकर एक सेमीनार आयोजित होगा जिसमें कई  विद्वान् शामिल होंगे। आज रात आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रसिद्ध लोक गायिका विजया भारती और तृप्ति शाक्या अपने सुरों का जलवा बिखेड़ेंगी | मुख्यमंत्री ने इस महोत्सव के मौके पर उग्रतारा धाम के विकास और सौन्द्रियकरण के लिए 326.43 लाख और बाबा जी कुटी बनगांव के विकास और सौन्द्रियकरण के लिए लिए 98.20 लाख की योजना का रिमोट से शिलान्यास किया। इस अवसर पर धरोहर नाम के एक पुस्तक का विमोचन भी किया गया। मुख्यमंत्री यहाँ पर अपने भाषण में काफी संभले दिखे और किसी तरह की राजनितिक बात नहीं की। एक दार्शनिक की भांति उन्होनें लोगों से प्रेम,भाईचारा और एक दुसरे को सहयोग की नसीहत दी। उन्होनें कहा की बिहार के विकास से ही देश का विकास संभव है। महिषी उग्रतारा शक्तिपीठ का भी उन्होने खूब गुणगान किया। इस महोत्सव के उद्दघाटन कार्यक्रम की अध्यक्षता बिहार सरकार के पर्यटन मंत्री सुनील कुमार पिंटू ने की। इस कार्यक्रम में मंत्री जीतन राम मांझी सहित खगड़िया के जदयू सांसद दिनेश चन्द्र यादव और क्षेत्रीय कई विधायक भी मौजूद थे।

15 अक्टूबर 2012

पुलिस की तानाशाही


आज सहरसा में पुलिस की बर्बरता की इंतहा पर लोगों का गुस्सा न केवल फूटा बल्कि लोगों ने सदर अस्पताल में घंटों बबाल भी काटे और मौके पर पहुंचे तीन अधिकारियों को घंटों बंधक बनाए रखा । गुस्साए लोगों का आरोप है की बीते 13 अक्तूबर को एक निर्दोष की गिरफ्तारी कर बनगांव थाने की पुलिस ने बेरहमी से दो दिनों तक हाजत में बंद कर के उसकी बेरहमी से पहले तो पिटाई की फिर आज सुबह जख्मी शख्स को सड़क किनारे लाकर लावारिश की तरह फेंक दिया और वहाँ से चलते बने । बनगांव थानाध्यक्ष संजीव कुमार सहित बनगांव पुलिस की बर्बरता और दादागिरी की इंतहा की इस घटना पर घंटों बबाल हुआ । बनगांव थाना क्षेत्र के वसुदेवा गाँव के रहने वाले संजीव दास को जख्मी हालत में ग्रामीणों ने सदर अस्पताल में भर्ती कराया है जहां उसकी स्थित नाजुक बनी हुई  है । लोगों और परिजनों का कहना है की चोरी,लूटपाट और मारपीट के एक झूठे मामले में पुलिस ने संजीव दास को पहले तो गिरफ्तार करके ले गयी लेकिन बाद में उसकी बेरहमी से पिटाई कर के उसे छोड़ दिया । सदर अस्पताल में हंगामे की सुचना पाकर मौके पर लोगों को समझाने पहुंचे एस.डी.ओ, ए.डी.एम और एस.डी.पी.ओ को आक्रोशित लोगों ने करीब दो घंटे तक एक तरह से बंधक बनाए रखा और उनकी एक न सुनी । स्थिति की गंभीरता को भांप कर आनन-फानन में फिर मौके पर डी.एम और एस.पी पहुंचे जिन्होनें लाख मशक्कत के बाद लोगों को शांत कराने में सफलता पायी । एस.पी अजीत सत्यार्थी ने थानाध्यक्ष संजीव कुमार को तत्काल निलंबित कर दिया है । आज के इस नज़ारे ने यह  जाहिर कर दिया है की यहाँ की पुलिस बर्बर और निरंकुश है जिसके खिलाफ लोगों ने संग्राम का विगुल फूंक दिया है !

सदर अस्पताल सहरसा आज जंग के मैदान में तब्दील होते-होते बच  गया । हांलांकि घंटों यहाँ बबाल हुए और मौके पर शुरू में आये कई  अधिकारियों को यहाँ न केवल पुरजोर विरोध का सामना करना पड़ा बल्कि इन अधिकारियों को यहाँ से दुम दबाकर भाग जाना पडा।आक्रोशित लोगों ने करीब दो घंटे तक इन्हें घेरकर एक तरह से बंधक बनाए रखा । मामला काफी विस्फोटक और यहाँ की तस्वीर काफी भयावह होती लेकिन आज तमाम विरोधी दलों के द्वारा बिहार बंद की वजह से उन लोगों का पूरा ध्यान सहरसा की बंदी में रहा इसलिए किसी का ध्यान इधर नहीं खिंचा वर्ना हम अभी आपको कुछ और ही दिखा रहे होते संजीव दास को बनगांव पुलिस ने बेरहमी और निर्ममता से उसकी पिटाई की है । उसके पुरे शरीर पर गंभीर जख्मों के निशान मौजूद हैं जो पुलिस को यमराज साबित करने में समर्थ हैं । पुलिस की इस काली करतूत को देखने पहले एस.डी.ओ,ए.डी.एम और एस.डी.पी.ओ साहब आये लेकिन लोगों ने इनकी एक न सुनी । इन्हें लोगों ने करीब दो घंटे तक अपनी गिरफ्त में रखा बड़ी मुश्किल से ये लोग अपनी-अपनी गाडी लेकर यहाँ से भागे।फिर ये सभी डी.एम और एस.पी के साथ पुनः यहाँ आये । जख्मी संजीव की हालत काफी नाजुक है । उसके परिजन बताते हैं की पुलिस उसे एक झूठे मामले में पकड़ कर ले गयी और उसकी ऐसी पिटाई की उसका बचना मुश्किल है । पुलिस की बर्बरता की कहानी यहीं पर खत्म नहीं होती है । पुलिस वालों ने इसे पीट -पीट कर पहले तो अधमरा कर दिया फिर उसे वसुदेवा गाँव के समीप एक सड़क के किनारे लाकर फेंक दिया

डी.एम और एस.पी न केवल मौके पर पहुंचे बल्कि इस मामले को गंभीरता से भी लिया । एस पी ने इस मामले में पहली दृष्टि में बनगांव थानाध्यक्ष संजीव कुमार को दोषी पाते हुए उन्हें तत्काल निलंबित कर दिया और इस पुरे मामले की जांच का जिम्मा एस.डी.पी.ओ सदर अशोक दास को सौंप दिया । एस.पी ने बताया की कानून हाथ में लेने का अधिकार न तो आम आदमी को है और न ही पुलिस को, उन्होनें बनगांव थानाध्यक्ष को दोषी पाया है और उन्हें तत्काल निलंबित कर दिया गया है।
आज सहरसा जलते-जलते बच  गया। अगर पुलिस ने अपना रवैया नहीं बदला तो मधुवनी से बड़ी घटना यहाँ घटित होकर रहेगी।  बीते 29 दिसंबर 2011 को पुलिस और प्रशासन की नादानी से सहरसा में लगातार दो दिनों तक छात्र और पुलिस-प्रशासन के बीच संग्राम छिड़ा था। उस समय भी काफी बरबादी  हुयी थी लेकिन अब उस घटना से बड़ी घटना की आशंका कुलाचें भर रही है। जाहिर तौर पर पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों को अपनी आदत और कार्यशैली में बदलाव लाना होगा,तभी ऐसी बड़ी घटनाओं को रोका जा सकेगा।

8 अक्टूबर 2012

शराब ने ली जान

सहरसा  :- बीती रात सदर थाना के नया बाजार स्थित राज श्री भोग फ्लावर मिल प़र शराब पीने--पिलाने के लिए हुई मारपीट में बेटे को बचाने गए एक पिता की शराबियों ने लाठी-डंडे और फरसे के प्रहार से गंभीर रूप से जख्मी कर दिया ! आनन्--फानन में मुहल्ले और घर के लोगों ने इलाज के लिए उसे सदर अस्पताल लाया जहां देर रात उसकी मौत हो गयी ! घटना के सम्बन्ध में प्राप्त जानकारी के मुताबिक़ बजरंग साह नाम का युवक अपने चार दोस्तों के साथ अपने घर के बगल में स्थित राज श्री भोग फ्लावर मिल प़र अपने चार दोस्तों के साथ शराब पी रहा था | इसी दौरान किसी बात को लेकर उनलोगों के बीच मारपीट हो गयी मारपीट और हो--हल्ला को देख बजरंग के पिता लाल मोहर साह ने बीच--बचाव करने की कोशिश की लेकिन अंगूर की बेटी सर चढ़कर बोल रही थी | चारों शराबियों ने लाल मोहर की लाठी--डंडे और फरसे के हमले से गंभीर रूप से जख्मी कर दिया अब अंजाम सामने है लाल मोहर इस दुनिया को अलविदा कह चुका है !
पुलिस ने इस मामले में सदर थाना में काण्ड दर्ज कर जहां अनुसंधान तेज कर दिया है ! वहीँ इस मामले के चार नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है !  शराब ने आखिरकार एक शख्स की बलि ले ही ली !
मृतक का छोटा बेटा बताता है की उसका भाई बजरंग घर के बगल के ही मिल प़र बैठकर शराब पी रहा था की अचानक उसकी मारपीट वहाँ शराब पी रहे अन्य चार लोग मिल मालिक टुनटुन साह,मनटुन साह और उसके स्टाफ विकास कुमार सिंह और निकेश सिंह के साथ हो गयी.उसके भाई को बचाने के लिए उसके पिता गए.उन चारों ने बजरंग को छोड़कर उसके पिता जी को ही लाठी--डंडे और फरसे से प्रहार कर जख्मी कर दिया जिससे उसके पिता की मौत इलाज के दौरान हो गयी.घटना स्थल प़र अभीतक खून के धब्बे मौजूद हैं.स्थानीय लोग भी इस मौत को दारु--शराब पीने को लेकर हुए विवाद का नतीजा बता रहे हैं.

पुलिस के अधिकारी भी इस घटना के पीछे शराब पीने के समय हुए विवाद को ही कारण बता रहे हैं.अधिकारी कह रहे हैं की बीच--बचाव में गया मारा गया.पुलिस इस मामले में काण्ड अंकित कर अनुसंधान शुरू कर चुकी है.पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की क्या वजह निकल कर सामने आती है,उनके लिए यह देखना भी जरुरी है.वैसे मृतक परिजनों ने चार लोगों मिल मालिक टुनटुन साह,मनटुन साह और उसके स्टाफ विकास कुमार सिंह और निकेश सिंह को नामजद आरोपी बनाया है.पुलिस ने इन चारों को गिरफ्तार कर लिया है !

नीतीश बाबू के शराब शास्त्र पढने वाले विद्यार्थियों की कोई कमी नहीं है ! हर उम्र और वय के लोग शराब शास्त्र विषय में उच्चतर डिग्रियां हासिल करने में लगे हुए हैं ! यह नरबली शराब शास्त्र के विद्यार्थियों के शराब प्रेम का ही नतीजा है.यूँ हम आपको बताना चाहते की सहरसा में आपको बेरोजगार,सरकारी हाकिम--मुलाजिम से लेकर तथाकथित सभ्रांत वर्ग के लोग दिन के उजाले से लेकर रात के अँधेरे में कभी भी आसानी से थोक में
शराब पीते मिल जायेंगे ! .इस जिले में शराब की दरिया बह रही है !

6 अक्टूबर 2012

ओवरब्रिज निर्माण के लिए सहरसा बंद



सहरसा :- ओवरब्रिज निर्माण के लिए स्थानीय कुंवर सिंह चौक प़र बीते दो अक्तूबर से भूख हड़ताल प़र बैठे चार सामाजिक कार्यकर्ताओं जिला पार्षद प्रवीण आनंद,वयोवृद्ध शिव प्रसाद केशरी,सुभाष गांधी और विनोद पासवान के समर्थन में ना केवल नौजवान और सभी वर्गों के आमलोगों का जन-सैलाब उमड़ रहा है बल्कि आज व्यवसायी वर्ग भी अपनी दुकानों को बन्द करके इस आन्दोलन में कूद पड़े हैं.यूँ आज अहले सुबह से यहाँ के नौजवान टोली बनाकर विभिन्य बाजारों से गुजरते हुए और घूम--घूमकर दुकानें बन्द करा रहे थे ! सहरसा बाजार पूरी तरह से बन्द रहा.इस बंदी को सही अर्थ में एतिहासिक बंदी की संज्ञा दी जा सकती है.

नौजवानों के इस कारवां को.अहले सुबह से टोली बनाकर ये सहरसा के विभिन्य बाजारों में घूम--घूमकर ना केवल दुकानें बन्द करा रहे हैं बल्कि ओवरब्रिज निर्माण के लिए आहूत इस आन्दोलन में लोगों को स्वतः शामिल होने की अपील भी कर रहे हैं.आज सहरसा में अभूतपूर्व बंदी का आलम है.सहरसा के तमाम मुख्य बाजार डी.बी.रोड,शंकर चौक,बंगाली बाजार,चांदनी चौक,महावीर चौक,गंगजला चौक,पूरब बाजार,नया बाजार  से लेकर कचहरी ढाला की सभी दुकाने इस बंदी में पूरी तरह से बन्द रहे.इस आन्दोलन के दौरान छात्र--नौजवानों ने अनशन स्थल प़र भी जमकर नारेबाजी की
इस आन्दोलन में अब सहरसा के व्यवसायी भी पूरी तरह से ना केवल शामिल हो गए हैं बल्कि वे आज अपनी दुकानें बन्द करके जबतक ओवरब्रिज का निर्माण कार्य प्रारम्भ नहीं होगा तब तक वे भी आन्दोलन करते रहेंगे !
पुलिस अधिकारी इस मुकम्मिल बंदी को स्वीकार कर रहे हैं और कह रहे हैं की एहतियात और शान्ति व्यवस्था कायम रह सके इसके लिए हर चौक--चौराहे पर मेजिस्ट्रेट और पुलिस जवानों की तैनाती कर दी गयी है.

सहरसा की यह अभूतपूर्व बंदी है जिसमें आमलोगों की आवाज कुलाचें भर रही है.इस बार कोसी क्षेत्र की जनता पूरी तरह से अगिया--बेताल हो चुकी है और बिना ओवरब्रिज के निर्माण का रास्ता साफ़ हुए,वह किसी भी समझौते और सियासी लॉलीपॉप से मानने वाली नहीं है.इस बार साफ़ तौर प़र यह आर--पार की लड़ाई प्रतीत हो रही है.



28 सितंबर 2012

मुख्यमंत्री नितीश कुमार की अधिकार यात्रा : सहरसा

विरोध की कई तरह की बड़ी-बड़ी आशंकाओं के बीच सहरसा में नीतीश का कार्यक्रम शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ। बताना लाजिमी है कि इस सभा को शांतिपूर्ण तरिके से संपन्न कराने के लिए जहां एतिहासिक सुरक्षा इंतजाम किये गए थे वही सभा स्थल पर उन्हीं को जाने दिया गया था जिनके पास जदयू के दिए पास थे। यानि कहीं दूसरे दल के कार्यकर्ता सभा के भीतर पहुँच कर किसी तरह का बवाल ना खड़ा कर दे इसका पूरा ख्याल रखा गया था। इस पास सिस्टम की वजह से सैंकड़ों की संख्याँ में जदयू समर्थक भी बिना नीतीश जी को देखे-सुने  ही वापस लौट गए। नीतीश कुमार करीब साढ़े दस बजे सड़क मार्ग से मधेपुरा से सहरसा परिसदन पहुँचे जहाँ सबसे पहले परिसदन में ही अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। एक घंटे से कुछ ज्यादा चली इस बैठक के बाद नीतीश कुमार सहरसा स्टेडियम पहुँचे जहाँ उन्होंने पूर्व से तय एक जनसभा को सम्बोधित किया। नीतीश कुमार के साथ-साथ मंच पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव, मंत्री विजय कुमार चौधरी, जीतन राम मांझी, जदयू के खगड़िया सांसद दिनेश चन्द्र यादव, छातापुर के जदयू विधायक नीरज कुमार बबलू सहित कई और नेता मौजूद थे। नीतीश कुमार ने इस मौके पर सर्वप्रथम कोसीवासियों से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए पटना के गाँधी मैदान में आगामी 4 अक्तूबर को आहूत अधिकार रैली में शामिल होने का न्योता दिया। नीतीश ने इस मौके पर उनकी सभाओं में हो रहे पुरजोर विरोध पर जमकर अपनी भड़ास निकालते हुए कहा कि उनकी सभा में जनता का विरोध नहीं हो रहा है। उनके विरोधियों का यह सारा प्रायोजित ड्रामा है। उन पर पत्थर चलें, बम चलें या फिर उनकी जान ले ली जाए लेकिन वे अपने अभियान से पीछे हटने वाले नहीं हैं। वे हर हाल में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाकर रहेंगें । उन्होंने साफ किया कि वे तो अधिकार रैली के माध्यम से बिहार की जनता के हित की लड़ाई लड़ रहे हैं लेकिन बिहार के कई नेता तो लाठी रैली और ना जाने कौन-कौन सी रैली करते थे। वे सबकुछ समझ रहे हैं और सबको समय से जबाब दिया जाएगा। नीतीश की सभा में जदयू के एक कार्यकर्ता के साथ पुलिस अधिकारियों और जवानों ने जमकर धक्का-मुक्की और बदसलूकी की। यह कार्यकर्ता नीतीश बाबू को गरीबों के साथ हो रही अनदेखी को लेकर कुछ कहना चाहता था। इसे अधिकारियों ने सभा स्थल से गायब कर दिया। उसे सभा खत्म होने के बाद भी मीडिया के सामने नहीं आने दिया गया।
नीतीश की सभाओं में लोगों के लगातार हो रहे उग्र और पुरजोर विरोध को देखते हुए सहरसा में एतिहासिक सुरक्षा इंतजाम किये गए थे। जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों के लिए नीतीश कुमार का यह दौरा उनके गले की हड्डी बनी हुई थी। आखिरकार तमाम बड़ी आशंकाओं के काले बदल छंटते चले गए और नीतीश की यह सभा आखिरकार शुभ-शुभ संपन्न हो गयी। सभी ने एक साथ राहत की सांस ली है। सहरसा की सभा के बाद नीतीश कुमार सड़क मार्ग से मधेपुरा के लिए रवाना हो गए।

21 सितंबर 2012

सीपेट का तीन माह के प्रशिक्षण का हुआ उदघाटन

 मधेपुरा :-  जिला के बेरोजगार युवक और युवतियों के लिए उद्योग विभाग, बिहार सरकार के सौजन्य से प्लास्टिक प्रोसेसिंग ऑपरेटर, प्लास्टिक प्रोसेसिंग ऑपरेटर-इंजेक्शन मोल्डिंग तथा प्लास्टिक प्रोसेसिंग ऑपरेटर-बलो मोल्डिंग विषयों पर तीन माह के प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन आज कला भवन, मधेपुरा में किया गया.उदघाटन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा० रेणु कुमारी कुशवाहा, मंत्री, उद्योग एवं आपदा प्रबंधन विभाग, बिहार सरकार ने किया.वक्ताओं ने इस प्रशिक्षण को रोजगारोन्मुखी बताया तथा कहा कि मधेपुरा के बेरोजगारों के लिए प्लास्टिक प्रोसेसिंग का क्षेत्र बेहतर साबित होगा.!

20 सितंबर 2012

लगातार बढती मंहगाई के खिलाफ आज भारत बन्द

लगातार बढती मंहगाई के खिलाफ आज भारत बन्द के दौरान सहरसा में एतिहासिक बंदी का नजारा देखने को मिला.बन्द का व्यापक असर रहा जिसमें बाजार की सभी दुकानें जहां पूरी तरह से बन्द रही वहीँ बन्द के दौरान आन्दोलनकारियों ने कई ट्रेनों को भी रोका.कई ट्रेनें यत्र--तत्र विभिन्य स्टेशनों प़र यूँ ही लगी हुई रही ! जाहिर तौर प़र आज भारत बन्द के दौरान सहरसा में एतिहासिक बंदी का नजारा देखने को मिला.अहले सुबह से NDA समर्थक और वामपंथियों ने साझे तौर प़र मंहगाई के मुद्दे प़र आन्दोलन का विगुल फूंका.आन्दोलनकारियों ने जगह--जगह जाम लगाकर जहां सड़क मार्ग को बाधित किया वहीँ कई ट्रेनों को भी घंटों सहरसा स्टेशन और अन्य जगहों पर रोके रखा.इस बंदी में सड़क और रेल मार्ग दोनों प्रभावित रहे.शहर की तमाम दुकानें बंद रही.आन्दोलनकारी सुबह से ही पैदल और मोटरसाईकिल पर सवार हो घूम--घूमकर बंद को सफल बनाने में जुटे रहे.बन्द के दौरान मुख्य रूप से थाना चौक,शंकर चौक,महावीर चौक,गंगजला चौक,तिवारी चौक,कचहरी ढाला और पोलिटेकनिक ढाला को आन्दोलनकारियों ने जाम कर सड़क मार्ग को पूरी तरह से बाधित कर दिया.भाजपाईयों ने इस दौरान पुलिस और प्रशासन की गाड़ियों को भी सड़कों पर चलने नहीं दिया.कई गाड़ियों को तो एक तरह से इनलोगों ने अपने कब्जे में ले लिए थे.
मंहगाई से त्राहिमाम कर रही जनता का भी इस बन्द को पूरी तरह से नैतिक समर्थन था.यह बंदी दलगत भावनाओं से ऊपर आमलोगों के रोष और तकलीफ का खुल्लम--खुल्ला इजहार था.लेकिन बड़ा सवाल यह है की क्या इस बंदी से मंहगाई प़र लगाम लग सकेगा. क्या जिन चीजों की कीमत में जानलेवा उछाल आया है उसमें कमी की जायेगी.

19 सितंबर 2012

हथियार के साथ एक युवक गिरफ्तार

मधेपुरा :- हथियार रख लोगों पर रौब दिखाने का शौक मधेपुरा के एक युवक को तब महंगा पड़ गया जब मधेपुरा पुलिस ने उसे धर दबोचा.घटना सोमवार के शाम की है जब पुलिस गश्ती में लगी हुई थी.स्टेशन चौक के पास एक युवक पुलिस की गाड़ी देखकर भागने लगा.पुलिस ने जब उसे खदेड़कर दबोचा और उसकी तलाशी ली तो उस व्यक्ति के पास से एक लोडेड देशी पिस्तौल और दो जिन्दा कारतूस मिले.युवक भिरखी वार्ड नं.22 का निवासी है जिसका नाम बालो यादव उर्फ बालो यदुवंशी है.हालांकि बालो के किसी आपराधिक इतिहास का पता नहीं चल पाया है और माना यही जा रहा है कि वह धौंस ज़माने और लोगों को डराने के उद्येश्य से हथियार रखे हुए था.जो भी हो, बालो फिलहाल जेल की हवा खा रहा है. 

18 सितंबर 2012

उदा किसुनगंज प्रखंड स्थित बुधामा गाँव आज भी सरकार की नज़रो से दूर

मधेपुरा ये तस्वीर उदा किसुनगंज प्रखंड स्थित बुधामा गाँव की है। बिहार सरकार भले ही विकास के कितने ही दावे क्यों ना कर ले लेकिन उदा किसुनगंज प्रखंड स्थित बुधामा गाँव के सड़को को देख कर सरकार के सारे दावे फीके लगने लगते है। सच्चाई तो ये है कि बुधामा गाँव की ये सड़क वर्षो से विकास को तरस रही है। ऐसे और भी कई गाँव है जहा आज भी पक्की सड़क नहीं बनी। कितनी सरकारे गई कितनी सरकारे आई पर किसी की नजर बुधामा गाँव के इस जर्जर सड़क पर नहीं पड़ी। सरकार के उमीदवार चुनाव के वक़्त तो बड़े - बड़े दावे करते है और चुनाव खत्म होते ही उन्हें कुछ याद नही रहता। सड़क की जर्जर स्तिथि होने की वजह से गाँव के लोगों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आज तक सरकार सिर्फ बाहरी दिखावा करती रही है जिस कारण देश की रीड की हड्डी कहे जाने वाले गाँव की स्तिथि आज भी वही है। आज भी बुधामा गाँव की सड़के विकास के गीत गुनगुनाने को उत्सुक है। देखते है कब तक सरकार की नजर बुधामा गाँव की इस जर्जर सड़क पर पड़ती है।

16 सितंबर 2012

आनन्द मोहन (पूर्व सांसद) - कविता

जो अपना हक लुटते देख भी विवश हो,
जो अस्मत लुटने पर भी अवश हो,
वह बेचारा ‘कमजोर’ है.

जो पेट की आग बुझाने,
कुछ सेर अनाज चुराए,
जो अपनी इज्जत ढंकने,
वस्त्र के चंद टुकड़े उडाये,
वह मजबूर ‘चोर’ है.

जो औरों का हक मारकर भी न शर्माए,
जो किसी की लाज लूटकर भी न लजाये,
वह ‘सीनाजोर’ है.

हर कमजोर और चोर के लिए,
पुलिस, हथकड़ी और जेल है.
लेकिन सीनाजोर और महाचोर के लिए,
देश का क़ानून फेल है.

जो चांदी से चौंधियाकर थाना खरीद ले,
जो सोने के सिक्कों से कोर्ट से छूट ले,
वह ‘निरपराध’ है.

जो मार खाकर भी चुप रह ले,
जो सब कुछ लुटाकर भी सह ले,
उसका ही ‘अपराध’ है.

फिर ऐसे ही अपराधियों के लिए,
बिहार से लेकर तिहाड़ तक का जेल है,
डंडा-बेड़ी और सेल है.

उनके लिए भी जेल है-
जो सड़ी-गली व्यवस्था के ‘विद्रोही’ होते हैं,
और शासन की नजर में ‘देश-द्रोही’ होते हैं.

उनके लिए जेल नहीं है-
जो हर गुनाह के बाद भी शासन के चाटुकार
और सत्ता के आग्रही होते हैं.

 --आनंद मोहन, पूर्व सांसद
  मंडल कारा, सहरसा.

सीमावर्ती क्षेत्रों में आपराधिक घटनाओं पर अंकुश के लिए विचार-मंथन

सहरसा-मधेपुरा--सुपौल :- के सीमावर्ती क्षेत्रों में हाल के दिनों में आपराधिक घटनाओं में हुई वृद्धि को पुलिस ने गंभीरता से लिया है.शायद यही वजह रही कि शनिवार की शाम गम्हरिया थाना परिसर में तीनों जिले के पुलिस अधीक्षक की उपस्थिति में सीमावर्ती क्षेत्रों में आपराधिक घटनाओं पर अंकुश के लिए विचार-मंथन हुआ.बैठक में सर्वसम्मति से तीनों जिला के पुलिस के बीच समन्वय स्थापित करने पर बल दिया गया.इस बाबत रणनीति पर भी चर्चा हुई.सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रणनीति के तहत सीमावर्ती क्षेत्रों में आजकल सक्रिय अपराधियों की शिनाख्त की गयी.इन अपराधियों के खिलाफ शीघ्र ही ‘ऑपरेशन’ चलाया जायेगा जिसमें तीनों जिला के पुलिस की संयुक्त भागीदारी होगी.तीनों जिला के पुलिस अधीक्षक ने संयुक्त रूप से उन सीमावर्ती क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया जहाँ हाल के दिनों में आपराधिक गतिविधि बढ़ी है.खासतौर पर गम्हरिया-लौकहा, परमानंदपुर-लौकहा एवं बीहरा-लौकहा को इस दायरे में रखा गया है.इस बैठक में पुलिस अधीक्षक सौरभ शाह, सुपौल के विनोद कुमार एवं सहरसा के अजीत कुमार सत्यार्थी के अलावा मधेपुरा के एसडीपीओ विजय कुमार, त्रिवेणीगंज के एसडीपीओ मृत्युंजय कुमार चौधरी एवं सभी सीमावर्ती थाना के थानाध्यक्ष मौजूद थे.

15 सितंबर 2012

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का पुतला फूंका।

सहरसा  :- सरकार द्वारा डीजल की मूल्य वृद्धि तथा रसोई गैस पर लगे पाबंदी के विरोध में शुक्रवार को जदयू, भाजपा व वामपंथी कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का पुतला फूंका। सभी दलों ने नेताओं ने भ्रष्टाचार व महंगाई के लिए जिम्मेवार केन्द्र सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की। तथा महंगाई के कारण आम जनता पर बढ़ रहे बोझ के लिए जिम्मेवार यूपीए सरकार को अपदस्त करने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया। जदयू जिलाध्यक्ष धनिकलाल मुखिया की अध्यक्षता में गंगजला चौक पर प्रधानमंत्री का पुतला फूंका गया। इस मौके पर पार्टी के नेता जवाहर झा, प्रो. हरिनारायण यादव, उदय चन्द्र साह, युवाध्यक्ष सोहन झा, महासचिव सुशील कुमार यादव, शैलेन्द्र शेखर, अक्षय झा, बिजली प्रकाश सियाराम यादव, राघवेन्द्र प्रसाद सिंह, अनिल कुमार गुप्ता, कैलाश मिश्रा आदि मौजूद थे। भाजपा कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष राजीव रंजन की अध्यक्षता में शंकर चौक पर सोनिया गांधी व मनमोहन सिंह का पुतला फूंका। कार्यक्रम में प्रवक्ता रविन्द्र कुमार सिंह, मीडिया प्रभारी दिवाकर सिंह, सावित्री सिंह, नमिता पाठक, श्री कृष्ण झा, अमित कुमार सिंह, पवन शर्मा, रंजीत चौधरी, संजीव कुमर, विपीन प्रकाश, अनोज कुमार बबन, नुरुल्लाह आजाद आदि मोजूद थे। वाम दलों ने सीपीआई जिलामंत्री ओमप्रकाश नारायण व माकपा जिलामंत्री विनोद कुमार के नेतृत्व में थाना चौक पर प्रधानमंत्री का पुतला फूंका। इस पुतला दहन कार्यक्रम में रमेश सिंह, कृष्णा प्रसाद साह, संतोष कुमार, रामाकांत राय, प्रदीप कुमार, संजय कुमार, मुकेश कुमार आदि शामिल थे। वहीं दूसरी ओर भाजयुमो रचनात्मक प्रकोष्ट के प्रांतीय संयोजक शशिशेखर सम्राट ने मूल्य वृद्धि पर आक्रोश जताते हुये हुये कहा कि महंगाई से आम आवाम परेशान है। उन्होंने प्रधानमंत्री से इस्तीफे की मांग की।

13 सितंबर 2012

शादीशुदा प्रेमी के साथ भाग कर लौटी लड़की ने कहा,“मैंने गलत किया है”.


जिले में नैतिक स्तर का पतन बहुत ही तेजी से हुआ है और अब कई शादी-शुदा और बाल बच्चेदार मर्द भी नाबालिगों को भी अपने झांसे में ले लेते हैं.प्यार का बुखार जब तक इन पर चढ़ा रहता है तब तक ये साथ जीने-मरने की कसमें खाते हैं,पर कुछ ही दिनों के बाद हकीकत की धरातल पर कदम रखते ही दर्द का एहसास होने लगता है और फिर वापसी की इच्छा तो लड़कियां रखती हैं, पर सुखद वापसी एक सपना सा रह जाता है.
जिले के मधेपुरा थाना के मठाही की करीब 16 वर्षीया अलका (काल्पनिक नाम) अपने चचेरे जीजा अजीत को जानती तो पिछले सात-आठ साल से थी, पर हाल की नजदीकियां ने इन्हें घर से भाग जाने का फैसला दिला दिया.घैलाढ़ थाना के पिपराही के अजीत के साथ अलका पिछले 02 सितम्बर को ही घर से भाग गयी.दिल्ली में भाड़े के मकान में एक सप्ताह गुजार कर जब दोनों वापस आये तो पुलिस ने इन दोनों को सुपौल के करजाईन बाजार से गिरफ्तार कर लिया.अलका के पिता रामानंद यादव के द्वारा किये गए मुक़दमे के आधार पर शादी की नीयत से फुसला कर लड़की को भगा लेने के आरोपी तीन बच्चे के बाप को जेल तो भेज दिया पर अलका ने न्यायालय के समक्ष जो बयान दिया उससे लगता है कि इस नाबालिग लड़की को ये एहसास हो गया है कि वो ठगी चली गयी है.
अलका ने यह तो स्वीकार किया कि वे स्वेच्छा से घर से भागे थे और पिछले पांच सितम्बर को उन्होंने मंदिर में गवाहों की उपस्थिति में शादी भी रचा ली, पर साथ ही उसने यह भी कहा कि उसे मालूम है कि उसने गलत काम किया है और अब वह न कहीं नहीं जाना चाहती है.फिलहाल लड़की के न तो पूर्व से शादीशुदा प्रेमी के साथ जाने और न ही अपने माता पिता के घर जाने की इच्छा को देखते हुए उसे अल्पावास गृह में रखा गया है.

तांत्रिक ने एक 16 वर्षीया लड़की का किया यौन शोषण

तांत्रिक

झाड़-फूंक और भूत भागने के बहाने 55 वर्षीय तांत्रिक ने एक 16 वर्षीया लड़की का शुरू किया यौन शोषण और उससे भी जब उसका मन नहीं भरा तो लड़की को फुसला कर ले भागा.पर करीब एक साल बाद तांत्रिक चढ गया पुलिस के हत्थे और यहाँ उसकी तंत्र विद्या एक न चली और पुलिस ने भेज दिया उसे सलाखों के पीछे.सुपौल जिले का ये शख्स जिसका नाम महेंद्र है और इसका ससुराल मधेपुरा थाना के घैलाढ़ के बनचोलहा था.चार बच्चे के बाप महेंद्र राम की पत्नी की मृत्यु कुछ वर्ष पूर्व हो गयी थी.बनचोलहा की मीना (काल्पनिक नाम) की जब तबियत खराब हुई तो उसके पिता को उसपर भूत लगने का डर हुआ और फिर भूत छुडाने का दावा करने वाले महेंद्र ने लड़की का इलाज शुरू किया.इस तांत्रिक ने बताया कि मीना के ऊपर तेरह भूत चढ़े थे मैंने सभी उतारा पर तीन चार बच गए थे.उसी को उतारने के क्रम में लड़की को मुझसे प्यार हो गया.फिर हम यहाँ से बंगलौर आदि चले गए जहाँ झुग्गियों में पति-पत्नी की तरह रहे.फिर वापस सुपौल जिले आये तो लड़की को दूसरे लड़कों से प्यार हो गया और उसने मुझे गिरफ्तार करवा दिया.जबकि मीना का कहना था कि इसने झाड़-फूंक के क्रम में एक महिला की मदद से अरवा चावल में तुलसी मिलकर मुझे खिला दिया जिससे मेरी बुद्धि भ्रष्ट हो गयी फिर इसने मेरे साथ शारीरिक सम्बन्ध बना लिया और लेकर भाग गया.एक साल के बाद मैं जब ठीक हुई तो अपने परिजनों को फोन करके बुलाई.मैं चाहती हूँ कि ये बुड्ढा जेल में ही मर जाए.
 इस घटनाक्रम की पूरी कहानी किसी बकवास से कम नहीं है और ये दर्शाता है कि हमारे समाज के कई हिस्सों में अशिक्षा की वजह से अभी भी भूत-प्रेत, ओझा-तांत्रिक का बोलबाला है जो भूत भागने के नाम पर बीमारों का शोषण करते हैं.जरूरत है सरकार को इन पिछड़े समाज में भी शिक्षा का अल्कः जगाने की, ताकि अंधविश्वास के चक्कर में लोग इज्जत न गँवा सके.

11 सितंबर 2012

सात साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म

मधेपुरा जिला :-  के आलमनगर थानाक्षेत्र के खुरहान गाँव में गाँव के ही एक युवक ने हैवानियत की हद को पार करते हुए  सात साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म को अंजाम दे दिया.दुष्कर्म भी इस अंदाज में कि पशु भी  शर्म जाए.पीड़िता सोनम (काल्पनिक नाम) के साथ उस समय बलात्कार हुआ जब वह खेत में अन्य चार लड़कियों के साथ बकरी चरा रही थी.गाँव का ही चौदह वर्षीय धीरेन्द्र कुमार वहां पहुंचा और बकरी चरा रही एक दूसरी लड़की को पकड़ने दौड़ा.धीरेन्द्र के डर से बाक़ी सभी लड़कियां भाग गयी पर सोनम भाग न सकी.धीरेन्द्र ने झपट कर सोनम को ऐसे पकड़ा जैसे जंगल का शेर भागते हिरण के झुण्ड से किसी शावक को दबोच लेता है.उसके बाद धीरेन्द्र ने सोनम को गोद में उठा लिया और सड़क के किनारे ही बलात्कार को अंजाम दे दिया.तब तक वहाँ हल्ला हो चुका था और तब बलात्कारी वहां से भाग खड़ा हुआ.सोनम की माँ तेतरी देवी पूरी दास्ताँ सुनाते रो पड़ती है.आलमनगर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और लड़की का मेडिकल टेस्ट करवाया जा रहा है.
नैतिक पतन दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है और इसे कैसे रोका जाय एक बहस का मुद्दा बन चुका है.अगर गिरते नैतिक मूल्यों को फिर से बहाल करने की दिशा में कोई ठोस कदम न उठाये गए तो आने वाले दिनों में इससे भी अधिक शर्मशार कर देने वाले मामले सामने आ सकते हैं.

डूब जाने से एक चरवाहे की मौत

मधेपुरा :- जिला मुख्यालय से आधा किलोमीटर दूर साहुगढ़ में नदी में डूब जाने से एक चरवाहे की मौत हो गयी.घटना उस समय घटी जब सुरेश यादव नामक चरवाहा अपनी भैंस पानी से निकालने नदी में घुसा.नदी में सुरेश के डूबने के बाद वाहन लोगों की बड़ी भीड़ जमा हो गयी. और यहीं से शुरू हो गया आपदा विभाग की टांय-टांय-फिस्स  लोगों ने आपदा विभाग समेत जिले के कई आलाधिकारियों को इसकी सुचना दी पर घंटो बीत गई जाने के बाद भी लाश को निकलने या आगे की कार्यवाही करने न तो पुलिस ही पहुंची और न कोई पदाधिकारी ही. ट्रेनिंग के बड़े-बड़े दावे करने वाली आपदा विभाग की इस मौके पर पोल खुल गयी.अंत में क्रुद्ध ग्रामीणों ने खुद ही किसी तरह लाश को नदी से खींच कर बाहर निकाला. प्रशासन की संवेदनहीनता तो तब और भी हद को पार कर गयी जब लाश को पोस्टमार्टम के लिए भी ग्रामीणों को खुद धो कर लाना पड़ा.आक्रोशित ग्रामीण प्रशासन के खिलाफ उग्र प्रदर्शन करने की बात कर रहे थे.

10 सितंबर 2012

मोहब्बत की कीमत जान देकर चुकाई



गिरफ्तार पति पत्‍‌नी
मधेपुरा:- लड्डू यादव हत्या कांड का पुलिस ने रविवार को नवदंपति को गिरफ्तार कर पर्दाफाश करने का दावा किया है। ज्ञात हो कि 30 वर्षीय लड्डू यादव का सिर कटा हुआ शव रेलवे पटरी पर 10 जुलाई मंगलवार को गणेश नामक स्थान पर पड़ा मिला था। इस सिलसिले में थाने में पत्रकार वार्ता के दौरान पुलिस अधीक्षक सौरभ कुमार शाह ने बताया कि उसकी हत्या सात जुलाई को ही कर दी गई थी। वह भी प्रेम त्रिकोण के चलते। गिरफ्तार नवदंपति नीलेश और उसकी पत्‍‌नी पूजा यादव अरार में अपने एक रिश्तेदार के घर छिपे हुए थे। जैसे ही मुखबिर से पुलिस को सूचना मिली पुलिस ने उन्हें घेर लिया। पूछताछ में नीलेश और पूजा ने स्वीकार किया कि हत्याकांड में वे दोनों शामिल थे। पति के कहने पर ही उसने कथित प्रेमी लड्डू को फोन करके बुलाया था। जिसके बाद से उसका शव मिला। सदर थानाध्यक्ष नवीन कुमार सिंह ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने धारा 302, 201 और 34 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है। इस प्रकार देखा जाए तो पुलिस ने ठीक दो महीने बाद इस मामले का पर्दाफाश करने में सफलता हासिल की है।

घटना के दो महीने बाद भी पुलिस युवक लड्डू के सिर का बरामद नहीं कर सकी है। पुलिस का मानना है कि संभवत: सिर को आवारा कुत्तों ने नोच खाया होगा। इसलिए वह बरामद नहीं हो सका। पुलिस कप्तान ने बताया कि वैसे इस मामले में फोरेंसिक जांच रिपोर्ट आनी अभी बाकी है।

उसे क्या पता था कि प्रेम करने की कीमत उसे अपनी जान देकर चुकानी पडे़गी। जी हां कहते हैं कि लड्डू पूजा से मोहब्बत करता था। लेकिन लड़की के परिवार वालों को उसकी मोहब्बत कबूल नहीं थी और उन्होंने आनन फानन में पूजा की शादी ग्वालपाड़ा गांव के टेमा गांव निवासी नीलेश से कर दी। लेकिन शादी के बाद पूजा और लड्डू के बीच प्रेम की डोर बंधी रही। इस बात की जानकारी होने पर पति नीलेश परेशान हो उठा। सूत्रों का कहना है कि पति की रजामंदी से पूजा ने सात जुलाई को लड्ड् को खाने पर फोन करके बुलाया था। तभी से वह लापता हो गया। इसी बीच परिजनों को सूचना मिली की गणेश स्थान पर एक युवक की सिर विहीन लाश पड़ी हुई है तो वे मौके पर पहुंचे और उसकी शिनाख्त लड्डू के रुप में कर दी।

मिथिला राज्य की मांग को ले संघर्ष समिति ने दिया धरना


सहरसा:- सोमवार को अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति ने प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय के समक्ष धरना दिया। धरनार्थियों ने मिथिलांचल के लोगों को आर्थिक, राजनैतिक, शैक्षणिक व व्यापारिक स्वतंत्रता के लिए मिथिला राज की मांग को दोहराया।

पूर्व विधायक संजीव कुमार झा की अध्यक्षता में संपन्न धरना को संबोधित करते हुए संघर्ष समिति के महासचिव डा. बैजनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि वर्तमान मिथिला भू-भाग राजनीतिक एवं प्रशासनिक दृष्टि से अत्यन्त उपेक्षित है। आज मिथिला में एक भी चीनी, सूत, जूट, चमड़ा आदि के कल- कारखाने नहीं है। पूर्व से जो भी मीलें चल रही थी। उसे भी बंद कर दिया गया, जिससे लोगों की समस्याएं बढ़ती जा रही है। अध्यक्षता करते हुए पूर्व विधायक श्री झा ने कहा कि सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक, आर्थिक व सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध होते हुए भी सत्ता शासन की नजर इस इलाके पर इनायत नहीं हो पायी। ऐसे में मिथिला राज्य के मांग की प्रासंगिकता काफी बढ़ गई है। सीएम कालेज दरभंगा के प्राध्यापक डा. नारायण झा ने कहा कि आज मैथिली भाषा से गैर मैथिलीभाषी लाभांवित होकर यूपीएससी एवं बीपीएससी की परीक्षाओं में सफलता हासिल कर रहे हैं।

धरनार्थियों को बुचरु पासवान, जयराम झा, सुरेन्द्र नाथ झा गोपाल, बेबी झा, जिला परिषद सदस्य चन्देश्वरी शर्मा, भारतीय किसान मोर्चा के चन्देश्वरी शर्मा, वार्ड सदस्य मिथिलेश झा, प्रो. विनोद, प्रो. रमेश झा, प्रो. विमलकांत झा, प्रो. दिवाकर ठाकुर, सत्यप्रकाश, टीपू झा, बौआ झा, सुमीत सिंह, सरोज सिंह, रोशन सिन्हा आदि ने संबोधित किया।

पुलिसकर्मियों ने काला बिल्ला लगाकर अपना विरोध जताया।


सहरसा :- विभिन्न मांगों ने समर्थन में बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के आह्वान पर सोमवार से पुलिसकर्मियों ने काला बिल्ला लगाकर अपना विरोध जताया।

एसोसिएशन के सभापति नवीन कुमार ने बताया कि संपूर्ण बिहार में आज से पुलिस जवान तीन दिनों तक काला बिल्ला लगाकर विरोध जतायेंगे। एसोसिएशन के क्षेत्रीय मंत्री डिप्टी सिंह ने कहा कि सरकार अगर मांगों को नहीं मानेगी तो आनेवाले दिनों में आंदोलन और तेज होगा। पुलिस जवानों के सुविधा में बढ़ोत्तरी सहित अन्य मांगों के समर्थन में जिले के सभी पुलिसकर्मिर्याे ने काला बिल्ला लगाकर अपनी डयूटी की। उपसभापति परवेज हैदर खां, मंत्री सुरविंद पासवान, कोषाध्यक्ष धर्मेन्द्र कुमार सिंह, संयुक्त मंत्री कार्तिक कौशल, अंकेक्षक अजय कुमार सहित कार्यकारिणी सदस्यों ने आंदोलन के शत- प्रतिशत सफल होने का दावा किया है।

ठाकरे" सरेआम रंगदारी करता है


वो मुल्क के टुकड़े करने की तैयारी करता है |
वो दुश्मन है ..इस देश से गद्दारी करता है ..|

कभी मुंबई ..कभी दिल्ली ...
कभी असम..कभी बंगलौर ..
"भागो यहाँ से " 
ये फरमान वो जारी करता है |

फूटपाथ पर सोके जिसने उसके  महल बनाए ..
उसे कहता है ..कि तू "हमारी" हकमारी करता है |

हम समझते हैं खूब ये सियासत का चलन ...
क्यों वो "ठाकरे" सरेआम रंगदारी करता है |

इंसाफ की तलाश में हम जाएँ कहाँ अब ...
ये सारा तंत्र दौलत वालों की तरफदारी करता है |

आज लगता है कि "हमारा भारत" कही खो सा गया है ..
कोई मराठी ...कोई बंगाली...तो कोई बिहारी करता है ||||
--रचना भारतीय, मधेपुरा.

8 सितंबर 2012

दो बोरा देशी शराब के साथ गिरफ्तार

सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा):- पेशेवर अपराधी बिजली सिंह सहित एक अन्य को बलवाहाट ओपी पुलिस ने दो बोरा देशी शराब के साथ शुक्रवार की शाम को गिरफ्तार किया। ओपी अध्यक्ष मुकेश कुमार मंडल ने बताया कि सूचना मिली की रामपुर गांव की ओर से मोटरसाइकिल से दो लोग अवैध देशी शराब को लेकर सरडीहा की ओर जा रहे है। करूआ मोड़ के समीप वाहन रोकने का इशारा करने पर दोनों भागने लगा जिसे खदेड़कर पकड़ा गया। पकड़ाया शैलेश सिंह एवं सदानंद सिंह उर्फ बिजली सिंह को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। ओपी अध्यक्ष ने बताया कि बिजली सिंह पेशेवर अपराधी है और इसपर कई मामले दर्ज है। आ‌र्म्स एक्ट, दुष्कर्म, मारपीट के मामले में भी जेल जा चुका है। ओपी अध्यक्ष ने बताया कि उत्पाद अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कर न्यायिक हिरासत भेज दिया गया है।

निर्णय लेने व कर्म करने की ईश्वर ने दे रखी है पूरी स्वतंत्रता : कालिंदी भारती


सहरसा,:- परमात्मा ने मनुष्य को निर्णय लेने व कर्म करने की पुरी स्वतंत्रता दे रखी है। वो अपनी दिव्य शक्ति से किसी से भी कर्म करने की स्वतंत्रता नहीं छीनते हैं। जरूरत पड़ने पर उचित राह दिखाते हैं। लोभ, ईष्र्या, अहंकार मनुष्य को बर्बाद कर देता है। महाभारत में भी ऐसा हुआ। दुर्योधन मदांध हो चुका था। कृष्ण के पास कौरवों के संहार के अलावा कोई विकल्प शेष नहीं रह गया था।उक्त बातें आशुतोष महराज की शिष्या कालिंदी भारती ने शुक्रवार को पटेल मैदान में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से नौ दिवसीय श्रीमदभागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन कही।सुश्री भारती ने कहा कि कृष्ण ने महाभारत के प्रलयंकारी युद्ध को रोकने का हरसंभव प्रयास किया। युद्ध से पूर्व शांतिदूत बनकर गये और दुर्योधन जैसे दुराचारी को विनम्रतापूर्वक समझाया। आधे राज्य की जगह मात्र पांच गांव में समझौता करने के लिए तैयार हो गये। कौरवों को धनहानि, जनहानि यहां तक की सर्वनाश की चेतावनी भी दे डाली। कौरव तब भी नहीं मानें तो अपना अपना विराट रुप दिखाया। साम, दाम, दंड के बावजूद बात नहीं बनी।उन्होंने कहा कि शरीर के किसी अंग के सड़ जाने के बाद विष के प्रभाव से दूसरे अंगों को बचाने के लिए चिकित्सक सड़े अंग को काटने का कठोर निर्णय लेते हैं। कौरव भी तत्कालीन समाज का विषाक्त अंग बन चुका था। लाक्षागृह की आग में अपने भाइयों को झोंक देने में उसे जरा संकोच नहीं हुआ। भरी सभा में माता समान भाभी को निर्वस्त्र करते हुए उसके हाथ नहीं कांपे। तब ऐसे दुराचारी के समूल नाश का निर्णय श्रीकृष्ण को लेना पड़ा।उन्होंने कहा कि भगवान भाव के भूखे हैं। जो भी उन्हें भाव से पुकारता है, वे उनके पास पहुंच जाते हैं। मनुष्य ईश्वर से मिलना तो चाहता है किंतु, उसे रास्ता पता नहीं है। सद्गुरु के बिना ज्ञान नहीं होता है और ज्ञान के बगैर कोई भवसागर पार नहीं कर सकता।प्रतिकूल मौसम के बावजूद श्रद्धालुओं के भीड़ प्रवचन सुनने के लिए डटी रही। इस मौके पर कथा स्थल प्रभारी स्वामी धनंजयानंद जी, निरीक्षक स्वामी सुकर्मानंद जी, यादवेंन्द्रनंद जी आदि मौजूद थे।










7 सितंबर 2012

कोयला घोटाला के विरोध में शंकर चौक पर समारोह पूर्वक हस्ताक्षर अभियान चलाया गया।


सहरसा:- शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा के तत्वावधान में कोयला घोटाला के विरोध में शंकर चौक पर समारोह पूर्वक हस्ताक्षर अभियान चलाया गया।इस मौके पर सभा को संबोधित करते हुए पार्टी के वरीय नेता विधान पार्षद कामेश्वर चौपाल ने कहा कि केन्द्र की वर्तमान यूपीए सरकार ने भ्रष्टाचार व घोटाले के पुराने सभी रिकार्ड को तोड़ दिया है। प्रतिदिन नये- नये घोटाले उजागर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री भले ही घोटाले में शामिल नहीं है, परंतु सरकार के मुखिया होने के नाते वो बच नहीं सकते। नैतिकता के आधार पर उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। श्री चौपाल ने कहा कि जनता समझ चुकी कि देश को बचाने के लिए कांग्रेस को गद्दी से उतारना एकमात्र विकल्प रह गया है।विधायक डा. आलोक रंजन ने कहा कि देश की जनता केन्द्र में बैठे घोटालेबाजों की टोली से त्रस्त हो चुकी है। देश का पैसा विदेशों में जमा किया जा रहा है। देश गुलामी की तरफ मुखातिब है। ऐसे समय में भारतीय जनता पार्टी ने जनता को गोलबंद कर सरकार को अपदस्थ करने का बीड़ा उठाया है। महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष नमिता पाठक की अध्यक्षता में सभा को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष राजीव रंजन ने कहा कि भारत जनता घोटालेबाज सरकार को अब और बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। कांग्रेस का जाना तय हो चुका है।





छात्रावास अधीक्षक पर दारू पीकर छात्रों से रैगिंग करने का आरोप


जिला मुख्यालय के टी.पी. कॉलेज के हॉस्टल राजकीय अम्बेदकर कल्याण छात्रावास के अधीक्षक डा० जवाहर पासवान पर छात्रावास में रहने वाले कुछ छात्रों ने ही अत्यंत ही गंभीर आरोप लगाये हैं.जिलाधिकारी के जनता दरबार में पहुंचे छात्रों ने आरोप लगाया कि अधीक्षक रात में दारू पीकर छात्रों का रूम खुलवाते है और गाली-गलौज करते हैं.छात्रों का ये भी आरोप है कि छात्रावास अधीक्षक यहाँ नाजायज ढंग से कमरा भी कब्ज़ा किये हुए हैं.छात्रों द्वारा यह भी आरोप लगाया गया कि परिसर के कई कीमती वृक्षों को काटकर अधीक्षक अपने सुख-सुविधा के लिए उपयोग कर रहे हैं.इसके अलावे डीएम को दिए गए आवेदन में कहा गया है कि हॉस्टल में रहने में कई तरह की समस्याएं हैं जिनपर अधीक्षक ध्यान नहीं दे रहे हैं.उधर अधीक्षक डा० जवाहर पासवान ने आरोप को निराधार बताते हुए दावा किया है कि शिकायत की जांच देश नहीं विश्व स्तर के एजेंसी से कराई जाय ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए.डा० पासवान ने कहा कि जो छात्र छात्रावास में रह रहे हैं उन्हें कोई शिकायत नहीं है लेकिन ये शिकायत करने वाले छात्र छात्रावास में रहते ही नहीं है.
जिलाधिकारी ने इस मामले को जिला कल्याण पदाधिकारी को जांच हेतु सौंप दिया है, अब देखना है कि जांच में कौन सी बात सामने आती है?

बकरी विवाद को लेकर झड़प

सिंहेश्वर (मधेपुरा):- बकरी के घास खाने के कारण झिटकिया की महिलाएं एवं नारियल विकास बोर्ड के मजदूरों के बीच झड़प हो गयी। जिसमें एक गर्भवती सहित तीन महिला घायल हो गई। जिसमें एक गर्भवती सहित तीन महिला घायल हो गई। घटना के बाद पीड़ित महिलाएं एवं अन्य ने सिंहेश्वर-मधेपुरा मुख्य मार्ग को जाम कर दिया। तकरीबन आधा घंटा लगी जाम थानाध्यक्ष आरएन तिवारी के समझाने के बाद खत्म हुआ। सड़क जाम में गर्भवती महिला जहां सड़क पर लेट गई थी वहीं अन्य महिला बीच सड़क पर ही बैठी हुई थी। बाद में घायल फरजाना खातून, नजराना खातून एवं सुल्ताना खातून को इलाज हेतु प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भेजा गया। जहां फरजाना खातून को इलाज कर रहे चिकित्सक डा.बीबी मंडल ने अल्ट्रासाउंड कराने को कहा। घायल महिलाओं ने बताया कि जब हमारी बकरी नारियल विकास बोर्ड क्षेत्र चरने चली गई तो कुछ कर्मियों ने आकर हमें मारापीटा। बाद में पहुंचे भाई मो.शमशेर के साथ भी मारपीट की गई। इनके पिता मो.तबरेज ने बताया कि बोर्ड कर्मियों की पिटाई से उनकी गर्भवती बेटी फरजाना खातून बेहोश हो गई थी। घटना के बाद नारियल बोर्ड के कार्यालय में जाकर लोगों ने तोड़फोड़ मचाया। बोर्ड कर्मियों के अनुसार इनके साथ यहां मारपीट भी की गई। वहीं नारियल बोर्ड के सहायक निदेशक डा.श्यामलाल ने बताया कि मजदूरों एवं पास के कुछ महिलाओं के बीच मारपीट हुई है। उन्होंने बताया कि मैं बीमार होने की वजह से कार्यालय नहीं जा सका था। थानाध्यक्ष आरएन तिवारी ने बताया कि दोनों पक्षों की ओर से आवेदन मिला है। जांच कर आवश्यक कार्रवाई करेंगे।

6 सितंबर 2012

तांत्रिक ने काटा बच्चे का हाथ


खगड़िया जिले के बेलदौर थाना के फरेबा बासा गाँव  जहां कल शाम एक तांत्रिक ने गाँव के महज छः वर्षीय मासूम नीतीश को बहला--फुसलाकर पहले तो उसे अगवा किया फिर अपनी तंत्र--विद्या और मन्त्र सिद्धि के लिए उस मासूम का एक हाथ काट लिया और गाँव से फरार हो गया.घटना के बाद सहरसा जिले के सोनवर्षा राज थाना के मौरा गाँव का रहनेवाला तांत्रिक विद्यानंद शर्मा फरार हो गया.बच्चा चूँकि कल शाम से ही लापता था इसलिय बच्चे के परिजनों ने पहले तो उसे खूब ढूंढा लेकिन जब बच्चा नहीं मिला तो बच्चे के परिजन बेलदौर थाना गए और बच्चे की गुमशुदगी की रपट लिखानी चाही.लेकिन उस थाने की बेरहम  पुलिस ने बच्चे के परिजनों को यह कहकर और मारपीट कर भगा दिया की तुम लोग झूठ बोलते हो और यूँ ही बात--बात प़र पुलिस को सिर्फ तंग करने के लिए चले आते हो.हताश और निराश होकर बच्चे के परिजन बीती रात थाने से वापिस अपने गाँव लौट आये.आज अहले सुबह बच्चा गाँव के ही एक बांसवन  में बेहोश मिला,जहां उसका हाथ कटा हुआ और खून से लथ--पथ शरीर था.आनन्--फानन में बच्चे के परिजन उसे लेकर सदर अस्पताल सहरसा आये जहां उसका इलाज तो किया जा रहा है लेकिन उसकी स्थिति काफी नाजुक बनी हुई है.अंधविश्वास में एक बच्चे ने अपना एक हाथ तो गंवाया ही,अब उसकी जान प़र भी बनी है I मासूम नीतीश भी बता रहा है की एक बाबाजी ने उसका हाथ काट लिया लेकिन हाथ क्यों काटा यह उसे पता नहीं I बताया कि  चॉकलेट देने के बहाने उसे गोद में उठाकर एक बगीचे में ले गया। वहां उसने पहले पूजा की, फिर चाकू निकाल कर हाथ काट लिया। देर रात वह कटे हुए हाथ को लोटे में लेकर उसे अकेला छोड़कर चला गया। इस दौरान वह रोता-चिल्लाता रहा। रोते-रोते ही वहां से चल पड़ा। सड़क के किनारे आकर गिर गया।
अंधविश्वास में पशु बलि से मनुष्य बलि की परम्परा पुरानी है.आज लोग चाँद प़र चले गए लेकिन इस इलाके में अंधविश्वास का घुप्प अँधेरा अभी भी कायम है.आगे देखने वाली बात यह होगी की  प्रशाशन  इस मामले को कितनी गंभीरता से लेते हैं और तांत्रिक को ना केवल कितनी जल्द गिरफ्तार करते हैं बल्कि उसपर कैसी और कितनी कठोर कारवाई के लिए वे मजबूत पहल करते हैं. 

शिक्षक दिवस के अवसर को अपमान दिवस

मधेपुरा:- जब तक शिक्षक के हलक में सरकार द्वारा वेतन विसंगति तथा असमानता रूपी अपमान की घुटी पिलाई जाती रहेगी तब तक सूबे में शिक्षा का विकास नहीं होगा। उक्त बातें बुधवार को मधेपुरा में शिक्षक दिवस के अवसर को अपमान दिवस के रूप में मनाते हुए माध्यमिक शिक्षक संघ के अनुमंडलीय सचिव डा. अरूण कुमार यादव ने उच्च तथा उच्च माध्यमिक शिक्षकों को संबोधित करते हुए कही। डा. यादव ने कहा कि शिक्षक जब तक मानसिक, आर्थिक तथा शारीरिक रूप से स्वस्थ नहीं होंगे तब तक वे बच्चों को सही ज्ञान नहीं बांट सकते हैं। विद्यालय में जहां शिक्षकों को नियत वेतन के रूप में पचास हजार रूपये से अधिक वेतन उठाने वाले शिक्षकों के पास हीन भावना से काम करना पड़ता है वहीं उच्च शिक्षा प्राप्त कर नियोजित शिक्षक के रूप में केवल आठ हजार छह सौ रूपया मानदेय के रूप में उठाने वाले शिक्षकों का समाज में कोई जगह नहीं है। इस मंहगाई की दौड़ में यह राशि इतनी कम पड़ रही है कि इससे हम अपने परिवार का भरण-पोषण भी नहीं कर सकते है। इसके अलावे दिये जाने वाले मानदेय मिलने में भी छह माह तक लग जाते हैं। आर्थिक तंगी से जुझ रहे शिक्षक भला कैसे शिक्षा को विकास के मुकाम तक पहुंचा सकते हैं। बैठक में शिक्षक प्रभाषचन्द, कुमार रणविजय, प्रभात रंजन, दिनेश कुमार, त्रिपेन्द्र नारायण सिंह, अनिल कुमार, त्रिभुवन प्रसाद यादव, शशिनद्र मोहन सिंह, अशोक कुमार अमर, संजय कुमार आदि मौजूद थे।

दूर हो विद्युत संकट अन्यथा होगा आंदोलन

सहरसा:- जिले में व्याप्त विद्युत संकट व दोषपूर्ण वितरण व्यवस्था को लेकर पूर्व विधायक संजीव कुमार के नेतृत्व में नागरिक संघर्ष मोर्चा के एक शिष्टमंडल ने बुधवार को विद्युत महाप्रबंधक बीके चौधरी से मुलाकात कर इसके निदान की मांग की। चेतावनी दी गयी कि अगर समस्या का हल नहीं निकला तो आंदोलन किया जायेगा।
शिष्टमंडल ने शहरी क्षेत्र में कम से कम 20 घंटे विद्युतापूर्ति सुनिश्चित किए जाने, नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में जलने वाले ट्रांसफार्मर को 24 घंटे में बदलने, न्यूकालोनी सहित शहर के अन्य हिस्सों में बांस के सहारे हो रही विद्युत आपूर्ति वाले जगहों पर पोल लगाने, बनगांव उत्तरी पंचायम के बभनगामा एवं चैनपुर पंचायत के टिहलटोला एंव गोरियारी तथा नगर के कोरलाही में तार एवं ट्रांसफर्मर की अविलंब व्यवस्था करने की मांग की। पूर्व विधायक श्री झा ने बताया कि जीएम ने शिष्टमंडल को आश्वस्त किया है कि गौतम नगर, मारूफगंज एवं कृष्णनगर में जले ट्रांसफार्मर को तीन दिन में बदल दिया जायेगा। उन्होंने न्यू कालोनी में पोल लगवाने का भी आश्वासन दिया है। शिष्टमंडल में नागरिक संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष विजय बसंत, मनोज कुमार ठाकुर, संजय गुप्ता, मनोज कुमार सिन्हा, पंकज कुमार खां आदि शामिल थे।

5 सितंबर 2012

सहरसा जिले में शिक्षक दिवस धूमधाम से मनाया गया।

सहरसा, :-संपूर्ण जिले में शिक्षक दिवस बुधवार को धूमधाम से मनाया गया। सरकारी, गैरसरकारी विद्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षकों के सम्मान में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए।
मास्टर माइंड पब्लिक स्कूल में भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति व द्वितीय राष्ट्रपति डा. र्सवपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिवस धूमधाम से मनाया गया। विद्यालय के निदेशक चंद्रशेखर झा के नेतृत्व में आयोजित कार्यक्रम का मंच संचालन अनंत कुमार ने किया। जबकि विद्यार्थी नलिन, वैभव, पारस, सिंपल, अंशु, पूजा, संजलि, खुशी, साकेत, मोहन आदि ने शिक्षक दिवस के महत्ता पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर प्राचार्य मदन मोहन मिश्र, अनिल, सुनील, सुधीर, मनोज, दिवाकर, शंभू, नवल, योगेन्द्र, कविता, श्वतेा, रिंकी आदि मौजूद थी। आरके इंस्टीच्यूट ऑफ मैथ में आरके रवि के नेतृत्व में शिक्षक दिवस मनाया गया। जिसमें छात्र नीलू, चंदा, किशन, नीरज, राहूल, गोपाल, अमन, फैयाज, प्रदीप व साहेब ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लिया। राजीव इंगलिश सेंटर में शिक्षक दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में लक्की सिंह सहित अन्य मौजूद थे।
इंडियन हाईस्कूल में क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें छात्र ऋषिव‌र्द्धन, सुमित, अंकित, अस्मित ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। स्कूल की परीक्षा में 90 फीसद से अधिक अंक पाने वाले को पुरस्कृत भी किया गया। इस अवसर पर संस्था के व्यवस्थापक नरेन्द्र कुमार वर्मा सहित अन्य मौजूद थे। कोसी क्षेत्रीय वृद्ध विकलांग विधवा कल्याण समिति में विनय भूषण प्रसाद के तत्वावधान में शिक्षक दिवस मनाया गया। इस अवसर पर मनोज, सरोज, दुर्बल, रीता, मीना, वंदना, उमेश, अरविंद, बबन, देवानंद, राघवेन्द्र, संजय, किशोर, गौरी, सुनील ठाकुर आदि ने संबोधित किया। टैलेंट टाइड पब्लिक स्कूल में शिक्षक दिवस पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। जिसमें अनिल, अम्बेश, विद्याभूषण, ललित ने स्थान पाया। नृत्य व संगीत निरुपमा, ज्योत्सना, शालिनी, प्रिया, मनोरमा, आर्यन, केशव आदि द्वारा प्रस्तुत किया गया। इसके अलावा विभिन्न प्रतियोगिता में शैलेश, आनंद, रामप्रवेश, गोविंदा, अमन, सौरभ, श्रेया, रिमझिम, आदित्य को पुरस्कृत किया गया। संचालन साक्षी, ईशा व विनीत ने किया। जबकि निदेशक विन्देश्वरी प्रसाद, शिक्षक कुमार गौरव, जयकृष्ण गुप्ता, राधेश्याम, तपेश्वर आदि मौजूद थे। शंाति निकेतन शिक्षण संस्थान में किशोर कुमार झा, सुधांशु शेखर, अमित रंजन, नवनीत, बाबूल राज, अंकित कुमार, मणिभूषण, निशु कुमारी, आलोक, सुशांत, अंकित, मणिकांत, मयंक, विभाष, गौरव, शिवप्रीत, प्रेम, आयुष, अमृत ने भाषण, अंकेश, प्रशांत, सुमन, निकिता, चंदा, चंदू कुमार, स्नेहिल, अविनाश, अनुपम, रजनीश, सुहानी, नवनीत ने विभिन्न कार्यक्रम की प्रस्तुति की। विद्यालय के अध्यक्ष राजेश कुमार झा द्वारा सभी शिक्षकों को सम्मानित किया गया। सहरसा पब्लिक स्कूल में प्राचार्य अवनीश कुमार वर्मा ने कार्यक्रम की शुरूआत की। खुशबू कुमारी के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में शिखा, मोना, चंदन, विभाष, संजीव, प्रकाश, पिंकेश, दीपक, रंजीत, सागर, पुरुषोत्तम, अन्नू, कुंदन, गौतम, राजन, अजीत, अक्षय, पल्लवी, शिवानी, जूली, प्रिया, सिद्धार्थ, सुनील, राजकिशोर, विक्रांत, अर्चना, ममता, गुड़िया, चांदनी, नैना प्रिया, रानी, मनीषा, मुस्कान, बकमन, समित, रानी, सूरज, विशाल आदि मौजूद थे।

ओवरब्रिज की मांग को ले युवाओं ने किया प्रदर्शन

सहरसा, शहर में जाम की समस्या से जूझ रहे लोगों को निजात दिलाने के लिए ओवरब्रिज निर्माण कराने को लेकर बुधवार को जय हिंद युवा संघ के द्वारा शहर में जुलूस निकालकर रेलवे ढ़ाला के समीप जाम किया गया।
स्टेडियम से निकाले गये जुलूस में शामिल युवाओं का कहना था कि ओवरब्रिज निर्माण को लेकर कई बार शिलान्यास हुआ परंतु, निर्माण के दिशा में पहल नहीं हुआ। जुलूस शहर के प्रमुख मार्गो से गुजरकर रेलवे ढ़ाला पर पहुंचा जहां सड़क जाम कर प्रदर्शन किया गया। राहुल प्रिंस के नेतृत्व में निकाले गये जुलूस में अमित कुमार, मनीष कुमार, चंद्रकांत कुमार, नरेश कर्नल, कन्हैया, रमण, राहुल तिवारी, सनोज, ईशान, शौर्य, विकास, देवराज, अनुराग, पिंटू आदि शामिल थे। युवाओं ने रेल अधिकारियों को आवेदन देकर अविलंब इस दिशा में कार्रवाई करने का अनुरोध किया। राहुल ने कहा कि अगर दो अक्टूबर से पूर्व पहल नहीं किया गया तो युवाओं द्वारा दो अक्टूबर से आमरण अनशन किया जाएगा। वहीं सदर थानाध्यक्ष सूर्यकांत चौबे, अनि चंदन कुमार सहित अन्य ने युवाओं को समझाकर जाम तुड़वाया।

4 सितंबर 2012

मैथली फिल्म स्टार राहुल सिन्हा से कोशी टाइम्स की खास बात - चित I


होसला और हिम्मत हो तो किसी भी मंजिल को छुआ जा सकता है यह कर दिखाया है मिथलांचल  कोशी के सहरसा जिला के राहुल सिन्हा ने I मैथली फिल्म  स्टार राहुल सिन्हा के निज आवास पर कोशी टाइम्स की खास बात - चित ------  रंगमंच और सिनेमा के अनछुए पहलु पर एक नज़र 


कोशी टाइम्स  -  कोशी टाइम्स  से बात - चित करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद् I 
राहुल सिन्हा - आप सभी कोशी टाइम्स  परिवार को हमारी तरफ से ढेरो बधाइयाँ I 
कोशी टाइम्स - आप का  घर कहाँ है ? परिवार में कौन कौन सदस्य है ?

राहुल सिन्हा - हमारा घर सहरसा है, परिवार में पिताजी माँ भैया और भाभी है I
कोशी टाइम्स  - अभिनय में आपकी रूचि बचपन से थी क्या ? 
राहुल सिन्हा -जी हाँ बचपन से ही थी स्कूल और कालेजो में काफी नाट्य मंचन किया है I
कोशी टाइम्स  - आप अपने गृह जिला सहरसा में भी शुरूआती दौर में रंगमच में काफी सक्रिय रहे ?
राहुल सिन्हा - आज भी हूँ और सदैब रहूँगा I
कोशी टाइम्स  - अभिनय की बारिकियाँ आपने सहरसा रंगमच के किन - किन निर्देशकों से सिखा ?
राहुल सिन्हा - बहुत ही सुंदर प्रश्न  किया है आपने सब से पहले जिन्होंने मुझे रंगमंच में लाये अभिनेता चन्दन भारती, संजय सिंह और उत्पल झा जी को धन्यवाद् कहूँगा I श्री अनिल पंडित, प्रदीप डे और जिनसे हमने काफी कुछ सिखा आदरणीय आर .टी . राजन जी इन सारे लोगो से काफी कुछ सिखने  को मिला 
कोशी टाइम्स - सहरसा के रंगकर्म के बारे में आप क्या सोचते है ? आप अपनी राय दे I 
राहुल सिन्हा - सहरसा रंगकर्म की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है I दो संस्था लगातार काम कर रही है I इप्टा और पंचकोसी लेकिन कोई भी स्तरीय नाटक नहीं कर रहा है I दोनों संस्थाओ को मैं जनता हूँ I अच्छे अभिनेता रहने के बाबजूद अच्छी प्रस्तुति या नाटक का मंचन नहीं होता है I कारण अच्छे निर्देशकों की कमी पंचकोसी फिर भी कुछ अच्छी प्रस्तुति देता है I रंगकर्म की विकाश के लिए अच्छे निर्देशकों को आगे आना चाहये आँचलिक कहानियो की प्रस्तुति होनी चाहये जिससे की दर्शक वर्ग तैयार हो सके, वैसे भी मिथलांचल का साहित्य बहुत समृद्ध है I 
कोशी टाइम्स  - सहरसा रंगकर्म के विकास के लिए आपका क्या योजना है ?
राहुल सिन्हा - मैं कोशी में एक पर्फोर्मांस  आटर्स स्कूल  का निर्माण करना चाहता हूँ I जिसके लिए मैंने  सहरसा में ज़मीन भी लिया है I अपने कुछ सीनयर से राय मशवरा भी ले रहा हूँ I इस पर्फोर्मांस  आर्ट्स स्कूल  में गायन वादन, क्लासीकल डांस, पेंटिंग(फ़ाइन आर्ट ),सिनेमाई तकनीक  और नाट्य विधा की बारीकी को सिखाया जाएगा I ये मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट है I 
कोशी टाइम्स  - ये तो रहा रंगमच अब आपकी पहली मैथली फिल्म "सजना के अँगना में सोलह श्रृंगार" के लिए आपको बधाई I इस फिल्म में आप मुख्य भूमिका में है I कुछ जानकारी दे  ?
राहुल  सिन्हा -  धन्यवाद्  "सजना के अँगना में सोलह श्रृंगार"  फिल्म में मैं एक पुलिस इंस्पेक्टर की भूमिका में हूँ जो की समाज के कुरितयों के खिलाफ लडता  है I 
कोशी टाइम्स   - बिना किसी गोड फादर के आप को इस फिल्म में मुख्य भूमिका हीरो का किरदार कैसे मिला ?
राहुल सिन्हा - इस फिल्म के निर्देशक श्री मुरलीधर जी ने बाहुबली सीरयल देखकर मुझे चयन किया फिर मुझे निर्माता  श्री संदीप झा जी  से मिलवाया , उन्होंने मुझे देखा और मुझे उनके आशीर्वाद से इस फिल्म में मैथली हीरो बनने का सोभाग्य प्राप्त हुआ I 
कोशी टाइम्स  - इस फिल्म में आप के साथ कौन - कौन से कलाकार ने काम किया है ?
राहुल सिन्हा - इस फिल्म में मैं और मेरी हेरोईन है राखी त्रिपाठी खल पात्र में श्री राजीव सिंह , ललन सिंह और विनीत झा है I मुरलीधर जी भी एक बेहतरीन रोल में दिखेंगे i नेपाली स्टार तृप्ति नाडकर और बरिष्ठ पत्रकार रूबी अरुण भी मुख्य भूमिका मे है 
कोशी टाइम्स - दरभंगा ,मधुबनी,राजनगर और जनकपुर में यह फिल्म  रिलीज हुई और हाउस फूल  चली लेकिन कोशी के दर्शक इस फिल्म से वंचित क्यों ?
राहुल सिन्हा - आपने बहुत जायज प्रश्न किया I  कोई भी  निर्देशक जब फिल्म बनाते है तो चाहते है I जहाँ तक मार्केट हो सब जगह फिल्म लगे और चले I मैं कोशी  क्षेत्र   का रहने वाला हूँ मेरी हार्दिक इक्षा है की फिल्म दरभगा मधुवनी के अलावा पुरे मिथलांचल में प्रदर्शित हो जिससे की लोग हमारे काम को जाने I दरभंगा, मधुवनी के लोगो को अपने मैथली भाषा के प्रति बहुत लगाव है I इसलिए फिल्म उस जगह चल जाती है I मेरी पूरी कोशिश है की फिल्म कोशी  क्षेत्र  में लगे I 
कोशी टाइम्स  - राहुल जी आप से एक अंतिम सवाल भविष्य में क्या योजनाये है ?
राहुल सिन्हा - अभी हमने एक ऐड ऐजेंसी डाली है मीडिया मार्क्स  कर के I जिसका मैं लाइन निर्माता  हूँ I.R.F (इंटरनेशनल रोड  फेडरेशन) के लिए दो फिल्म बनाई है  I आगे भी ऐड और फिल्म निर्माण ही करना है I दो हिंदी मूवी भी है पाइप लाइन में I 
कोशी टाइम्स - राहुल जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद् कोशी टाइम्स से बात - चीत करने के लिए I 
राहुल  जी - आपका भी I 





2 सितंबर 2012

मैथिली फिल्म फेस्टिवल

मिथिलांचल फिल्म उद्योग तथा मैथिलि फिल्म के बीते 50 साल के इतिहास में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल का आयोजन मिथिलांचल की राजधानी दरभंगा में किया जा रहा है |  मैथिलि फिल्म तथा मिथिलांचल की धरती पर बनी फ़िल्में मिथिला की संस्कृति के संरक्षण व संबर्धन का माध्यम रही है, इसकी वजह से सार्थक फिल्मों में इसकी महक ने सिनेमा दर्शकों तथा समाज को अपनी ओर खींचा है | मिथिला छेत्र में रहने वाले सभी समुदाय वर्ग के लोग मैथिल हैं, महसूस करना होगा, दरअसल तभी मैथिलि सिनेमा, मिथिलांचल की लघु / डोक्युमेंट्री तथा अन्य फिल्मों के निर्माण और प्रदर्शनी को गति मिलेगी |मैथिलि सिनेमा को सरोकारी व्यावसायिक बनाने के लिए सरकारी स्तर से कोई पहल नहीं की गयी है और न ही सरकार ने मैथिलि फिल्म को सब्सिडी देना मुनासिब समझा, नतीजन मैथिलि सिनेमा पिछर गया |  ज़रूरी है क्षेत्रीय सिनेमा को बढ़ावा दिया जाये, इसी लिहाज़ दरभंगा में हो रहा यह अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उत्सव इस सपने को साकार कर रहा है | दरभंगा फिल्म क्लब द्वारा मैथिलि सिनेमा तथा मिथिलांचल की लघु / डोक्युमेंट्री तथा अन्य फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए हो रहा यह प्रयास दुनिया भर में मिथिलांचल की क्षेत्रीय सिनेमा और पुरे विश्व में फैले क्षेत्रीय सिनेमा के बीच एक सेतु का काम करेगा |  दुसरे शब्दों में कहें तो दरभंगा अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उत्सव द्वारा मिथिलांचल फिल्म उद्योग को राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उद्योग से जोड़ने की कोशिश है, दरअसल तभी पूर्ण रूप से मिथिलांचल फिल्म उद्योग तथा मैथिलि सिनेमा का विकास होगा | सिनेमा के शुरूआती दौर में गूंगी फिल्मों से लेकर सीडी तक के सफ़र में अब सिनेमा बनाने के लिए भागीरथ प्रयास की ज़रुरत नहीं क्यूंकि आज के दौर में तकनीक इतनी सस्ती हो गयी है की आम आदमी भी फिल्मों का निर्माण कर सकता है बस उसे दरकार है उचित मार्गदर्शन  और थोरी सी ट्रेनिंग की, इसी कोशिश में दरभंगा फिल्म क्लब मिथिलांचल के सभी कलाकारों को आमंत्रण भी देता है की दरभंगा फिल्म क्लब का निः शुल्क कलाकार सदस्यता हासिल कर फिल्म निर्माण तथा फिल्म संम्बंधित कलाओं की ट्रेनिंग प्राप्त करें |दरभंगा फिल्म क्लब क्षेत्रीय मैथिलि सिनेमा, मिथिलांचल की लघु / डोक्युमेंट्री तथा अन्य फिल्मों को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के लिए जी जान से जुटा है |  इसी विमर्श को लेकर दरभंगा फिल्म क्लब फिल्म निर्माण, निर्देशन, अभिनय, पटकथा, लेखन, आदि में महारत रखने वाले लोगों के साथ सफ़र की शुरुआत कर रहा है, साथ ही पुरानी व नयी बिखरी पड़ी मैथिलि फ़िल्में, मिथिलांचल की लघु / डोक्युमेंट्री तथा अन्य फिल्मों और विश्व भर की चुनिन्दा फिल्मों के प्रदर्शन के अलावा बेस्ट अभिनेता, अभिनेत्री, लेखक, निर्देशक, गीतकार, संगीतकार, आदि का चयन कर उन्हें पुरुस्कृत भी करेगा | दरभंगा फिल्म क्लब मिथिलांचल से जुड़े हर शख्स को अपना सहयोगी बनाने और सफ़र में जुड़ने के लिए आमंत्रण भी कर रहा है, साथ ही 50 साल की बिखरी पड़ी मैथिलि सिनेमा, मिथिलांचल की लघु / डोक्युमेंट्री तथा अन्य फिल्मों का दस्तावेज़ भी तय्यार कर रही है |  फिल्म इतिहास को समेटती सारी जानकारी डायरेक्ट्री के साथ आम सिने प्रेमियों के लिए उपलब्ध होगा |ज़ाहिर है दरभंगा अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उत्सव के इस कारवां में दुनिया भर की अलग अलग भाषाओं की फ़िल्में शामिल होंगी |  मिथिलांचल के लोगों को इन फिल्मों से परिचित होने का मौका मिलेगा, साथ ही निर्देशकों से सीधे संवाद भी कर सकेंगे |  अनेक कला माध्यमों को समेटे यह आयोजन मिथिलांचल के इतिहास में एक नए तरह का आयोजन है, फेस्टिवल में समाज और हाशिये पर परे लोगों की व्यथा - कथा, जीवन संघर्षों सहित कई सामाजिक मुद्दों पर केन्द्रित फिल्मों का चयन कर फीचर, डोक्युमेंट्री, लघु तथा एनीमेशन फिल्मों का प्रदर्शन किया जायेगा |
(दरभंगा फिल्म क्लब की रिपोर्ट)

वार्ड पार्षद के पति ठगी तथा मारपीट के मामले में गिरफ्तार


मधेपुरा :-नगर परिषद मधेपुरा क्षेत्र के वार्ड नं.06 के वार्ड पार्षद मीरा देवी के पति प्रमोद कुमार पवन उर्फ बबलू यादव को पुलिस ने ठगी तथा मारपीट के मामले में गिरफ्तार कर लिया है.बबलू यादव के विरूद्ध मधेपुरा जिले के खोपैती गाँव के नारायण यादव के पुत्र अविनाश कुमार ने मधेपुरा थाना में इस बाबत एक मामले दर्ज कराया था कि वित्तीय वर्ष 2010-11 में बबलू यादव ने खोपैती के भूपेंद्र यादव के चिमनी से 31 लाख 10 हजार रूपये की ईंट उधार लिया था.बाद में वार्ड पार्षद पति पैसे देने में आनाकानी करने लगा.इस पर जब पंचायत बिठाई गयी तो प्रमोद कुमार पवन ने अपने स्टेट बैंक के खाता संख्यां. 11424757242 से सम्बंधित तीन चेक संख्यां क्रमशः 236654, दिनांक.30.06.2011, राशि ग्यारह लाख दस हजार, संख्यां.236655, दिनांक.31.12.2012, राशि दस लाख, संख्यां.236656, दिनांक.05.04.2012, राशि दस लाख खरीदे गए ईंट के एवज में दिए. पर जब शिकायतकर्ता बैंक गया तो वहां सम्बंधित खाते में रूपये नहीं थे.इसी बात को लेकर जब फिर प्रमोद को कहा गया तो प्रमोद कुमार पवन अपने दो पुत्र अमित आनंद उर्फ विक्टर तथा राजा व एक अन्य कर्पूरी चौक के रहने वाले युवक बादल झा ने मिलकर अविनाश कुमार को मारा पीटा जिसमें वार्ड पार्षद पति पर रॉड से अविनाश का सर फोड़ देने का आरोप है.राजा ने अविनाश के पर्स से 5500 रूपये ले लिए और प्रमोद ने धमकी दी कि यदि अपना बकाया पैसा माँगा तो पूरे परिवार का अपहरण कर लूँगा.
इसी मामले को लेकर पुलिस ने वार्ड पार्षद पति प्रमोद कुमार पवन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.उधर प्रमोद कुमार पवन ने  बताया कि वे हायपरटेंशन से ग्रसित हैं और ये उनके विरोधियों के द्वारा की गयी साजिश है. इस मामले की उन्हें जानकारी तक नहीं थी.